Kharmas 2023: खरमास में रविवार के दिन पूजा और कुछ उपायों का खास महत्व है. ज्योतिष और शास्त्रों के मुताबिक खरमास के महीने में रविवार कुछ उपाय अपनाने से व्यक्ति के जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. इसके अलावा धन प्राप्ति होती है और सोई हुई किस्मत जाग जाती है. जानते हैं ऐसे ही उपायों के बारे में-
Trending Photos
Kharmas Mein Ravivar ke Upay: सनातन धर्म में खरमास का बहुत महत्व है. भले ही इस महीने में कोई भी शुभ काम न किए जाते हों, लेकिन भगवान विष्णु और सूर्यदेव की पूजा के लिए इस महीने को बहुत खास माना जाता है. इस साल खरमास का प्रारंभ 16 दिसंबर की शाम 4:09 बजे से हो चुका है. इस महीने कई ग्रह अपनी चाल और राशि भी बदलने वाले हैं. ऐसे में रविवार को कुछ खास उपाय अपनाकर आप भगवान की कृपा पा सकते हैं. साथ ही सफलता के रास्ते मिलेंगे और धन प्राप्ति भी होगी. जानिए खरमास में रविवार के उपायों के बारे में-
खरमास में रविवार के उपाय
-रविवार को सुबह जल्दी उठकर स्नान करें. स्वच्छ कपड़े पहनें. इसके बाद सूर्य देव को जल चढ़ाएं. जल चढ़ाने के बाद उन्हें लाल फूल और लाल चंदन से अर्घ्य दें.
- सूर्यदेव की पूजा के दौरान उनके एकाक्षरी बीज मंत्र- ऊं घृणि: सूर्याय नम: का जाप करें.
- सूर्य चालीसा और आदित्यहृदय स्तोत्र का पाठ भी कर सकते हैं.
- आप चाहें तो रविवार का व्रत भी रख सकते हैं.
- खरमास के महीने में रविवार को गेंहू, गुड़, लाल या नारंगी कपड़ा, तांबा या तांबे के बर्तन आदि का दान करने से सूर्य देव खुश होते हैं.
- खरमास में रविवार के दिन सफेद या पीला रंग का वस्त्र पहनना शुभ होता है.
क्या होता है खरमास
ज्योतिष गणना के अनुसार साल में दो बार खरमास लगता है. एक बाद मध्य मार्च से मध्य अप्रैल के बीच जब सूर्य देव गुरु ग्रह की राशि धनु और मीन में प्रवेश करते हैं. इसके अलावा दूसरी बार मध्य दिसंबर से मध्य जनवरी के बीच जब सूर्य ग्रह धनु राशि में गोचर करते हैं. सूर्य का गोचर धनु राशि में 16 दिसंबर से शुरू हो चुका है, जिसका समापन 15 जनवरी मकर संक्रांति के दिन होगा.
Disclaimer: यहां दी गई सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम आपको विनम्रता पूर्वक यह सूचित करना चाहते हैं कि ZEE MP-CG किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. यह एक साधारण जानकारी है, जो कि सामान्य जागरुकता पर आधारित है. इसकी वैधानिक पुष्टि नहीं की जा रही है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित सक्षम विशेषज्ञ से सलाह लेकर उसे क्रियान्वयन के स्तर पर लेकर आएं.