Chhath Puja 2023: मुख्य रूप से बिहार और उत्तर भारत में मनाए जाने वाले छठ महापर्व आने वाला है. ये महा पर्व नहाए-खाय शुरू होकर उषा अर्घ्य के बाद व्रत का पारण कर समाप्त होता है. आइये जानें इसकी संपूर्व कैलेंडर
सनातन में छठ का बड़ा महत्व है. ये मुख्य रूप से बिहार और उत्तर भारत में प्रचलित है. इस त्यौहार में भगवान सूर्य और छठी माता की पूजा की जाती है. चार दिन के इस पर्व में महिलाएं परिवार की खुशहाली के लिए प्रार्थना करती हैं. आइए जानते हैं छठ महापर्व 2023 कैलेंडर.
छठ पर्व का पहला दिन नहाए-खाय होता है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान कर व्रती महिलाएं एक बार ही भोजन करती है. ये तिथी इस बार 17 नवंबर दिन शुक्रवार को है.
छठ पर्व के दूसरे दिन खरना होता है. इस दिन सूर्योदय से सूर्यास्त तक महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं. खरना 18 नवंबर, शनिवार को है.
छठ महपर्व के तीसरे दिन मुख्य पूजा यानी छठ पूजा की जाती है. इस दिन अस्त हो रहे सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इस बार का संध्या अर्घ्य 19 नवंबर रविवार को दिया जाएगा.
छठ महापर्व के अंतिम दिन उदय होते सूर्य को अर्घ्य देना होता है. अर्घ्य प्रदान करने के बाद व्रत का पारण होता है. ये दिन इस बार 20 नवंबर सोमवार को है.
हिंदू धर्म में सूर्य को प्रत्यक्ष देवता माना जाता है. सनातन धर्म में उगते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा पुरातन है. लेकिन, छठ में डूबते सूर्य को भी अर्घ्य दिया जाता है.
डूबते सूर्य को अर्घ्य देना संदेश होता है की जो चीज अस्त होती है वह उदय भी होती है. इस कारण विपरीत परिस्थितियों से नहीं घबराना चाहिए. बल्कि धैर्य पूर्वक कर्म करना चाहिए.
छठ पूजा को लेकर यहां दी गई जानकारी सामान्य धार्मिक मान्यताओं और हिंदू पंजांग के अलावा विभिन्न प्रवचनों, कथाओं पर आधारित हैं. इसे लेकर Zee MPCG किसी तरह का दावा या पुष्टि नहीं करता है. हमारी प्रयास आपको जानकारी मात्र उपलब्ध कराना है.
ट्रेन्डिंग फोटोज़