Bastar Lok Sabha Chunav 2024: नक्सल प्रभावित बस्तर में 19 अप्रैल को वोटिंग होनी है. ऐसे में इलेक्शन कमीशन यहां वोटिंग कराने के लिए कई प्रयास कर रहा है जिससे लोकतंत्र की प्रक्रिया में आदिवासियों की भागीदारी बढ़ सके. आइये जानें आयोग की तैयारियां
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Chhattisgarh Lok Sabha Chunav: बस्तर। लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बस्तर में 19 अप्रैल को वोटिंग होनी है. इस बीच एक ओर आदिवासियों को लोकतंत्र से काटने नक्सली प्रयास कर रहे हैं. वहीं वहीं दूसरी तरफ लोकतंत्र की प्रक्रिया में आदिवासियों को लाने के लिए इलेक्शन कमीशन ने भी कमर कस ली है. बस्तर में सुरक्षाबलों की तैनाती पोलिंग बूथों पर हो गई है. मतदान कराने के लिए अधिकारियों के दस्ते भी हेलीकॉप्टरों से नक्सल प्रभावित पोलिंग बूथों में भेजे जा रहे हैं.
तैयारियों पर बोले कलेक्टर
बस्तर कलेक्टर कुणाल दुतावत और एसपी अक्षय कुमार ने चुनावी तैयारियों को लेकर जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि 19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होना है. इस मतदान में बस्तर के 14 लाख 66 हजार से अधिक वोटर्स वोट देंगे. जिले के सभी मतदान केंद्रों में शांतिपूर्ण मतदान करने के लिए सुरक्षा के पुख्ता व्यवस्था की गई है. इसके अलावा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में हेलीकॉप्टर से आज मतदान दलों को रवाना किया गया है.
मतदान अधिकारियों का पक्ष
मतदान अधिकारी चॉपर में बैठने को उत्सुक थे. कलेक्टर के साथ सेल्फी लेने के बाद बोले मतदान कर्मी ने कहा कि पहली बार चॉपर में बैठकर खुश हैं. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनावों को शांति से संपन्न करवाने के बाद एक बार फिर लोकसभा चुनाव में मतदान करवाना एक बड़ी चुनौती है.
नक्सल प्रभावित क्षेत्र
कोंडागांव जिले के दो मतदान केंद्र अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र हैं. यहीं पर मतदान दलों को हेलीकॉप्टर के माध्यम से रवाना किया गया है. आज दलों को पुलिस कैंपों पर ही रखा जाएगा. कोंडागांव जिले में 4 लाख 31 हजार 823 मतदाता हैं जिनके लिए 242 मतदान केंद्र बनाए गए हैं.
बस्तर का गणित
अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित बस्तर लोकसभा सीट में 7 विधानसभा सीटें आती है. यहां से भाजपा ने बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद की पृष्ठभूमि से आने वाले महेश कश्यप को अपना उम्मीदवार बनाया है. उनका मुकाबला पूर्व मंत्री कवासी लखमा से होना है. बस्तर सीट पर 70 प्रतिशत आबादी जनजातीय है. इसमें गोंड, मारिया, मुरिया, भतरा, हल्बा, धुरुवा समाज के लोग है. इस सीट पर 13 अप्रैल को राहुल गांधी और 8 अप्रैल को नरेंद्र मोदी प्रचार कर चुके हैं.
बस्तर का इतिहास
बस्तर सीट पर 1998 से 2011 तक भाजपा के बलराम कश्यप काबिज रहे हैं. उनकी मौत के बाद से 2019 तक उनके बेटे दिनेश कश्यप ने सासंदी संभाली. 2019 में भाजपा ने नए चेहरे को मैदान में उतारा लेकिन कांग्रेस के प्रत्याशी दीपक बैज ने बाजी मार ली. भाजपा और कांग्रेस दोनों 2019 के प्रत्याशी बदल दिए हैं. इस कारण अब ये मुकाबला टक्कर का माना जा रहा है.