आज हम आपको छत्तीसगढ़ के बेमतरा जिले के ऐसे कलाकार के बारे में बता रहे हैं, जो मुंह से नहीं बल्कि नाक से बांसुरी बजाते हैं. इनकी बांसुरी की मधुर ध्वनि लोगों के मन को मोह लेती है. आइए जानते हैं आखिर ये कलाकार नाक से कैसे बांसुरी बजाते हैं.
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गौकरन यादु/बेमतराः हमारे देश में कलाकारों की भरमार है, वो भी ऐसे कलाकार जिनका हुनर ऊपर से नीचे तक हिला कर रख देता है. बस अंतर इतना है कि कुछ लोग अपने हुनर को लोगों तक पहुंचा देते हैं तो कुछ लोग का खुद के पास ही दफन होकर रह जाता है. ऐसे में आज हम आपको ऐसे कलाकार के बारे में बता रहे हैं, जिनका हुनर सुन आप चौंक जाएंगे, क्योंकि यूं तो आपने कई कलाकारों को बांसुरी बजाते कई बार देखा होगा, लेकिन क्या आपने कभी किसी को नाक से बांसुरी बजाते देखा है. आइए जानते हैं इस अद्भुत कलाकार के बारे में...
बांसुरी की धुन से लोगों का मोहते हैं मन
दरअसल दुनिया में कई तरह के आश्चर्य और कई खास बातें या अद्भुत हुनर है जिन पर यकीन करना काफी मुश्किल होता है लेकिन वह हकीकत में होती है. कुछ लोगों में ऐसी ही खास कला या गुण होते हैं. जो उन्हें औरों से अलग कर देते हैं. इन्हीं में से एक हैं बेमतरा जिले के नारायण तिवारी जो अपनी नाक से ऐसी मधुर बांसुरी बजाते है, कि फिजा सुरमयी हो जाती है. रामायण तिवारी अपने नाक से बांसुरी से की तरह के गानों के धुन निकालकर लोगों का मन मोह लेते हैं. रामायण तिवारी बताते हैं कि बांसुरी की धुन मन-मस्तिष्क को शांति और सुकून देती है.
दो-तीन वर्ष रियाज के बाद हुए सफल
रामायण तिवारी बांसुरी में लोकगीत सहित कई गाने का धुन निकालते हैं, उन्होंने बताया कि उनके मन में बांसुरी बजाने की ललक से जागी और वे इसका रियाज करने लगे. उन्होंने बताया कि धीरे-धीरे 2-3 वर्ष के बाद उनके नाक से मुंह की तरह बांसुरी की तान निकलनी शुरू हो गई. उन्होंने कहा कि बांसुरी सीखने वाला उनका कोई गुरु नहीं है, वे अपनी इच्छा से नाक से बांसुरी बजाने का अभ्यास किया जो सफल हो गई है.