Burhanpur News: बुरहानपुर के आकाश अग्रवाल ने 9 सदस्यीय टीम के साथ 8 दिन की चढ़ाई पूरी की और 21,000 फीट की ऊंचाई पर पहुंचे. यह 1988 के बाद से हिमाचल प्रदेश के चौ-चौ कांग नीलदा पर्वत पर दूसरी भारतीय टीम की सफल चढ़ाई है.
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Burhanpur Akash Aggarwal Achievement: बुरहानपुर के लाल आकाश अग्रवाल ने एवरेस्ट फतह कर बहुत कम उम्र में जिले का नाम रोशन किया है. आकाश ने अपनी 9 सदस्यीय टीम के साथ 8 दिनों में 21,000 फीट की ऊंचाई पर पहुंचकर एवरेस्ट पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की. यह ऐतिहासिक चढ़ाई हिमाचल प्रदेश के कोमिक गांव में चौ-चौ कांग नीलदा पर्वत पर केवल चौथी सफल चढ़ाई है और किसी भारतीय टीम द्वारा दूसरी है. बता दें कि पर्वतारोहियों ने तीन महीनों में गहन शारीरिक प्रशिक्षण (physical training) और कई स्वास्थ्य परीक्षण (health tests) किए. आवश्यक अनुमति (necessary permissions) प्राप्त करने के बाद, वे अपनी यात्रा पर निकल पड़े, और अंततः चोटी पर तिरंगा फहराया.
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8 दिनों में पूरी की एवरेस्ट पर चढ़ाई
दरअसल, बुरहानपुर शहर के युवा आकाश अग्रवाल ने जिद और जुनून के चलते 9 सदस्यीय दल के साथ 21 हजार फीट की ऊंचाई वाले खतरनाक एवरेस्ट पर 8 दिनों में चढ़ाई पूरी की है. हिमाचल प्रदेश के कोमिक गांव की चौ-चौ कांग नील्डा पहाड़ पर चढ़ने वाला यह दूसरा भारतीय दल है. इससे पहले 1988 में भारतीय दल ने चढ़ाई पूरी की थी, इसके बाद 2019 में जापान ने सफलता हासिल की थी. अब 2024 में आकाश के दल ने सफल चढ़ाई की है. इस चोटी पर केवल 4 दलों ने ही पहुंचने में सफलता हासिल की है, इनमें दो दल भारतीयों के शामिल हैं.
कड़े इम्तिहान से गुजरना पड़ा
एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए युवाओं को पहले कड़े इम्तिहान से गुजरना पड़ा. तीन महीनों तक रोजाना सुबह-शाम 10 किमी की रनिंग, और वह भी 10 किलो वजन पीठ पर टांगकर करनी पड़ी. फिर कई स्वास्थ्य परीक्षण कराने पड़े. इसके बाद वहां के जिला प्रशासन और सेना की अनुमति के बाद ट्रैकिंग और क्लाइम्बिंग करने का सपना पूरा हो सका है. इस चोटी पर चढ़कर युवाओं के इस दल ने तिरंगा लहराया है, इसके लिए उन्हें 8 दिन का समय लगा. इस प्रकार बुरहानपुर के आकाश अग्रवाल ने ट्रैकिंग और क्लाइम्बिंग में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है.