mp news-केन बेतवा लिंक परियोजना के तहत बनने वाले ढ़ोड़न बांध के डूब क्षेत्र में कुछ गांव शामिल है. अब इस बांध ने उन किसानों की चिंता बढ़ा दी है जिनकी जमीन केन नदी की तराई क्षेत्र में है. करीब 2.5 हजार एकड़ जमीन का राजस्व रिकॉर्ड में मालिकाना हक दर्ज नहीं है.
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madhya pradesh news-मध्यप्रदेश की केन-बेतवा लिंक परिजयोजना बुंलेदखंड के कई जिलों के वरदान साबित होगी, इस योजना से किसानों को सिंचाई के लिए तो वहीं लोगों को पीने के लिए भी पानी मिलेगा. लेकिन इसी योजना ने केन नदी के किनारे बसे कुछ किसानों की चिंता बढ़ा दी है, ऐसा इसलिए क्योंकि कुछ गांवों के किसानों के पास नदी की तराई में कृषि भूमि है. करीब 2.5 एकड़ की यह जमीन बेहद उपजाऊ है.
इस पर खेती करने वाले किसान खुद को इस जमीन का मालिक समझते हैं. लेकिन यह जमीन राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है.
नहीं मिलेगा मुआवजा
परियोजना के तहत बनने वाले ढ़ोड़न बांध के कारण छतरपुर के ढ़ोड़न, खरियानी, सुकवाहा और पलकौहां गांव डूब में जाएंगे,इन किसानो का अब जमीन का मुआवजा नहीं मिलेगा. राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज नहीं के कारण एसडीएम बिजावर ने तराई क्षेत्र के कृषि भूमि का मुआवजा नहीं देने का फैसला किया है. ढ़ोड़न के किसान ने बताया कि उनके पास 30 एकड़ कृषि भूमि है जो पूरी तरह के बांध में डूब जाएगी. लेकिन उन्हें एक एकड़ी जमीन का भी मुआवजा नहीं मिलेगा. किसान ने बताया कि उनके पूर्वज अनपढ़ थे, इस कारण आजादी के बाद किसी ने जमीनों के पट्टा बनवाने का प्रयास नहीं किया.
जमीनों के नहीं बने पट्टे
1975 में गंगऊ अभयारण्य का गठन किया गया था, इसके बाद किसानों को उनकी जमीनों के पट्टे देने पर ही रोक लगा दी गई थी. वहीं ढ़ोड़न के किसानों के जैसा हाल खरियानी, पलकौहां और सुकवाहा के किसानों का है. छतरपुर कलेक्ट पार्थ जैसवाल ने बताया कि 12.50 लाख के मुआवजा पैकेजे के लिए सूचियां तैयार हो चुकी हैं. दावा आपत्तियों के बाद भुगतान किया जाएगा, यदि किसी को आवास का मुआवजा कम दिया गया है तो उसका लोक निर्माण विभाग की टीम भेजकर फिर से निर्धारण कराया जाएगा.
वितरण नहीं हुआ शुरू
इस बांध की डूब की वजह से विस्थापित होने वाले परिवारों को मुआवजा दिया जाना है. हर परिवार को 12 लाख 50 हजार का मुआवजा पैकेज दिया जाना है, लेकिन अब तक पैकेज वितरण शुरू नहीं हुआ है. ग्रामीणों ने बताया कि हर विवाहित जोड़े और अविवाहित युवक को मुआवजा पैकेज दिया जा रहा है, लेकिन गांव की लड़कियों को इसमें शामिल नहीं किया गया है. ग्रामीणों ने लड़कों की तरह वयस्क लड़कियों को मुआवजा पैकेज देने की मांग की है.
14 गांव होंगे विस्थापित
छतरपुर जिले के भरकुआं, ढोड़न, खरियानी, कुपी, मैनारी, पलकोंहा, शहपुरा, सुकवाहा, पाठापुर, नैगुवां, डुंगरिया, कदवारा, घुघरी और बसुधा गांव को विस्थापित किया जाना है. कुपी और शहपुरा गांव आंशिक रूप से विस्थापित किए जा रहे हैं. इसी प्रकार पन्ना जिले के गहदरा, कटहरी बिलहटा, मझौली, कोनी, डोंडी, खमरी, कूडऩ, मरहा, ललार, रमपुरा, जरधोबा और कंडवाहा गांव विस्थापित किए जाएंगे.