तेज चलने में व्यक्ति एक मिनट में 100 स्टेप चलता है. वहीं जॉगिंग में लोग 15 सेकेंड में करीब 40-45 कदम चलते हैं.
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नई दिल्लीः वजन कंट्रोल करने की बात करें तो एक एक्सरसाइज जो सबसे पहले दिमाग में आती है, वो है वॉकिंग. कैलोरी बर्न करने और कार्डियोवेस्क्यूलर हेल्थ को बूस्ट करने के मामले में वॉकिंग गजब की फायदेमंद होती है. हालांकि अक्सर इस बात की चर्चा होती है कि जॉगिंग मतलब धीमे धीमे दौड़ना या फिर तेज चलने में क्या ज्यादा फायदेमंद है? कुछ लोग जॉगिंग को सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद बताते हैं तो वहीं कुछ लोग तेज टहलने के पक्षधर हैं. तो आइए जानते हैं कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों का इस पर क्या कहना है.
बता दें कि तेज चलने में व्यक्ति एक मिनट में 100 स्टेप चलता है. वहीं जॉगिंग में लोग 15 सेकेंड में करीब 40-45 कदम चलते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि तेज चलने के मुकाबले जॉगिंग से ज्यादा कैलोरी बर्न होती है. ऐसे में वजन कंट्रोल करने के मामले में ज्यादा प्रभावी है. इससे इम्यूनिटी भी बेहतर होती है और हार्ट की सेहत भी ठीक रहती है. वहीं तेज चलने में कैलोरी भले ही कम बर्न हो लेकिन इससे एक्सरसाइज के दौरान चोट लगने का खतरा बेहद कम होता है. साथ ही किसी भी उम्र के व्यक्ति इस एक्सरसाइज को सकते हैं.
विशेषज्ञों का कहना है कि जो लोग ज्यादा जल्दी फिट होना चाहते हैं, उन्हें जॉगिंग करनी चाहिए. जो लोग स्पोर्ट्स में हैं उनके लिए भी जॉगिंग ज्यादा बेहतर एक्सरसाइज है. विशेषज्ञों का कहना है कि जो लोग ज्यादा जल्दी फिट होना चाहते हैं, उन्हें जॉगिंग करनी चाहिए. जो लोग स्पोर्ट्स में हैं उनके लिए भी जॉगिंग ज्यादा बेहतर एक्सरसाइज है. बता दें कि रोजाना रनिंग या जॉगिंग करने वाले लोगों में स्वास्थ्य कारणों से होने वाली मौतों में 25-30 फीसदी की कमी आती है. इससे दिल का दौरा पड़ने का खतरा कम होता है. कैंसर को रोकने में भी रनिंग या जॉगिंग मददगार है. कई न्यूरोलॉजिकल दिक्कतों जैसे अल्जाइमर और पार्किसंस जैसी बीमारियों से बचा जा सकता है. जॉगिंग से मूड को बेहतर करने में भी मदद मिलती है.