MP को एक और टाइगर रिजर्व का मिला तोहफा, माधव नेशनल पार्क होगा बाघों का नया घर
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MP को एक और टाइगर रिजर्व का मिला तोहफा, माधव नेशनल पार्क होगा बाघों का नया घर

mp news-मध्यप्रदेश में नए टाइगर रिजर्व की घोषणा हो गई है, शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क मध्यप्रदेश का नया टाइगर रिजर्व होगा. सीएम मोहन यादव की पहल पर राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की तकनीकी समिति ने इसके प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.

MP को एक और टाइगर रिजर्व का मिला तोहफा, माधव नेशनल पार्क होगा बाघों का नया घर

madhya pradesh news-मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल पर शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क को प्रदेश का नया टाइगर रिजर्व घोषित कर दिया है. माधव नेशनल पार्क सहित अब मध्यप्रदेश में आठ टाइगर रिजर्व हो गए हैं, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की तकनीकी समिति ने इस पार्क को टाइगर रिजर्व के रूप में अधिसूचित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. 

बता दें कि टाइगर रिजर्व में एक नर और मादा बाघिन को छोड़ने का भी फैसला लिया गया है. 

कितने क्षेत्र में होगा टाइगर रिजर्व
टाइगर रिजर्व का कोर क्षेत्र 375 वर्ग किलोमीटर, बफर क्षेत्र 1276 वर्ग किलोमीटर और कुल क्षेत्रफल 1751 वर्ग किलोमीटर होगा. नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी ने राष्ट्रीय उद्यान में एक नर और एक मादा बाघ छोड़ने की भी मंजूरी दे दी है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण को माधव राष्ट्रीय उद्यान को टाइगर रिजर्व घोषित करने के लिए प्रस्ताव भेजा गया था.

बढ़ेगा ईको टूरिज्म
अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक एल. कृष्णमूर्ति ने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार की पहल माधव राष्ट्रीय उद्यान और कूनो राष्ट्रीय उद्यान में वन्य-जीव प्रबंधन को मजबूत करेगी. इससे स्थानीय समुदायों को ईको-टूरिज्म का लाभ मिलेगा और क्षेत्र का विकास होगा, साथ ही पर्यटन भी तेजी से बढ़ेगा. 

राष्ट्रीय उद्यान 
इस पार्क को 1958 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा मिला था, कहा जाता है कि यह मुगल सम्राटों और महाराजाओं का शिकारगाह हुआ करता था. यहां के जंगल में नीलगाय, चिंकारा और चौसिंगा और हिरण रहते हैं. वहीं भेड़िया, सियार, लोमड़ी, जंगली कुत्ता, जंगली सुअर, तेंदुए जैसे जानवर भी यहां देखे जाते हैं. 

इतनी है बाघों की संख्या
माधव नेशनस पार्क से पहले मध्यप्रदेश में सात टाइगर रिजर्व थे. जिनमें कान्हा, बांधवगढ़, पेंच, पन्ना, सतपुड़ा, संजय दुबरी, नौरादेही टाइगर रिजर्व शामिल हैं. एमपी को टाइगर स्टेट का दर्जा मिला हुआ है, क्योंकि यहां भारत की सबसे ज्याद बाघों की आबादी रहती है. 2022 के आंकडों के अनुसार एमपी में बाघों की संख्या 785 है, साल 2018 में यह 526 थी. 

 

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