MP News: महाराष्ट्र और गुजरात के कारण छिनी MP के किसानों की खुशियां, नवरात्रि में फूलों की डिमांड न होने से बढ़ी मुश्किलें
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MP News: महाराष्ट्र और गुजरात के कारण छिनी MP के किसानों की खुशियां, नवरात्रि में फूलों की डिमांड न होने से बढ़ी मुश्किलें

MP News: मध्य प्रदेश (MP News in Hindi) के रतलाम जिले में फूलों की डिमांड न होने की वजह से किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. हर साल के मुताबिक इस साल नवरात्रि के अवसर पर भी डिमांड कम हुई, जिसकी वजह से ये हालत बने हुए हैं. 

MP News: महाराष्ट्र और गुजरात के कारण छिनी MP के किसानों की खुशियां, नवरात्रि में फूलों की डिमांड न होने से बढ़ी मुश्किलें

चन्द्रशेखर सोलंकी/ रतलाम: मध्य प्रदेश में जहां एक तरफ चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई है वहीं दूसरी तरफ रतलाम (Ratlam News) जिले में फूलों की खेती करने वाले किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. क्योंकि गेंदा फूलों की डिमांड हर साल के मुकाबले कम हो गई है और दाम भी काफी ज्यादा कम हो गए हैं. किसानों का कहना है कि हर साल नवरात्रि में डिमांड बढ़ती थी लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ. इसकी क्या वजह है जानते हैं. 

क्या कहते हैं किसान 
रतलाम फूल मंडी में रोज 15 से 20 टन फूल किसान लेकर पहुंच रहे है नवरात्रि से पहले किसान उम्मीद लगाए बैठे थे कि फूलों के दाम इस बार भी बढ़ेंगे. लेकिन किसानों के फूलों के दाम इतने नीचे आ गये की उनके फूलों के हार नहीं बन सके और किसान हार कर फूलों को अब खाद में उपयोग लेने और फेंकने को मजबूर हैं. 

किसानों ने बताया कि 4 दिन पहले रतलाम फूल मंडी में गुलाब 90 रुपये किलो था, डिवाइन गुलाब 120, रजनीगंधा 240, और सबसे ज्यादा डिमांड वाला गेंदा फुल 50 रुपये किलो तक बिक रहा था लेकिन इन सभी के दाम फूलों के सीजन नवरात्रि में बढ़ने के बजाए धड़ाम से नीचे आ गए और अब फूल मंडी में सबसे ज्यादा डिमांड वाला गेंदा फूल 50 रुपये किलो से सीधे 15 रुपये और बल्कि इससे भी नीचे आ गया है.  ऐसे में किसान फूलों को बेचने के बजाए खाद में उपयोग लेने को मजबूर हैं. 

स्थानीय किसानों ने कहा कि रतलाम में फूलों की ज्यादा पैदावार और अच्छी क्वालिटी के चलते गुजरात और महाराष्ट्र में भी फूलो की डिमांड थी, लेकिन इस साल गुजरात और महाराष्ट्र में भी फूलों की बंपर पैदावार हो गयी और ऐसे में रतलाम के फूलो कि डिमांड कम हो गयी, जिसके कारण दाम सीजन में और नीचे गिर गए. 

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इसके अलावा किसानों ने बताया कि वैसे ही फूलों की खेती बड़ी मेहनत सावधानी से करना होती है लागत भी लगती है और फूल तुड़वाने के लिए मजदूरी भी महंगी हो गयी है. ऐसे में 15 रुपये में गेंदा फूल बेचने से ज्यादा ठीक इस फूल का खाद में उपयोग लेना होगा, मंडी से कई किसान दाम नहीं मिलने पर अपने फूल वापस ले जा रहै हैं

फूल व्यापारियों का कहना है कि दूसरे राज्यो में डिमांड अच्छी हुआ करती थी लेकिन इस बार डिमांड नहीं आ रही. वहीं फूलों को गुजरात महाराष्ट्र भेजने के लिए इसकी बर्फ के साथ खास पेकिंग करना पड़ती है जिसमें काफी खर्च आता है और भाड़ा भी ज्यादा लगता है लेकिन डिमांड कम होने से बाहर के व्यापारियों ने भी दाम कम कर दिए जिसके कारण फूल अच्छे दामों में नही बिक रहा है. 

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