MP News: पाकिस्तान से लौटे राजू ने सुनाई बर्बरता की दास्तां! बर्फ पर लिटाकर होती थी पिटाई
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MP News: पाकिस्तान से लौटे राजू ने सुनाई बर्बरता की दास्तां! बर्फ पर लिटाकर होती थी पिटाई

राजू के अपने वतन वापस लौट आने पर पाकिस्तान की दस्तान सुनाई. उसके माता-पिता के खुशी के आंसू निकल आये और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर उन तमाम लोगों का धन्यवाद दिया. जिनके प्रयासों से राजू अपने घर तक पहुंचा.

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प्रमोद सिन्हा/खंडवा: मध्यप्रदेश के खंडवा का रहने वाला राजू गलती से भारत की सीमा पार कर पाकिस्तान की सीमा में चला गया था. लगभग 5 साल पाकिस्तान की जेल में रहने के बाद खंडवा का राजू देर रात वापस अपने वतन लौट आया. खंडवा रेलवे स्टेशन पर बूढ़े मां बाप ने उसे गले लगाया और मां की आंखों से निकलते आंसु अपने बेटे को पाकर खुशी में तब्दील हो गए. राजू मानसिक रूप से पूरी तरह ठीक नहीं है और आसपास के गांव और मंदिरों में घूमते फिरते रहता था. 2018 में राजू गायब हो गया था, तब मांधाता थाने में उसकी गुमशुदगी की एफआईआर दर्ज कराई थी.

राजू की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज
खंडवा जिले की पुनासा तहसील के छोटे से गांव इनधावड़ी का रहने वाला राजू 2018 से गायब था. परिजनों ने इधर-उधर ढूंढा नहीं मिला तब मांधाता थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. 3 साल बाद भारत सरकार के इंटेलिजेंस ब्यूरो की तरफ से खंडवा पुलिस को राजू के बारे में तहकीकात करने संबंधी जानकारी मिली. तब पता चला कि राजू पाकिस्तान की जेल में बंद है. पाकिस्तान पुलिस ने उसे डेरा गाजी खान क्षेत्र से गिरफ्तार किया था तभी से राजू को वापस लाने के प्रयास किए जा रहे थे. 

मानसिक रुप से बीमार राजू 
राजू के पिता लक्ष्मण बताते हैं कि राजू मानसिक रुप से स्वस्थ्य नहीं है. परिवार वाले बताते हैं कि वह आस-पास के गांव मंदिरों में घूमते फिरते रहता था. कई बार हफ्ते 2 हफ्ते तक घर से बाहर रहता था और वापस आ जाता था. इस बार जब महीनों तक वापस नहीं आया. तब परिजन परेशान हुए और थाने पहुंचे थे. राजू के भाई ने बताया कि पाकिस्तान में उसे जिस तरह से प्रताड़ित किया. यदि कोई कमजोर व्यक्ति होता तो दम तोड़ देता . राजू को नहीं पता कि वह पाकिस्तान कैसे पहुंच गया. वह मानसिक रूप से पूरी तरह फिट नहीं है. बस उसे इतना पता कि जब वह घर से निकला था तो रास्ते में जो भी मिला उससे लिफ्ट ले ली और आखिरी समय एक प्याज के ट्रक पर बैठा था. संभावना है कि इसी ट्रक या ऐसे ही और माल ढोने वाले वाहन के रास्ते वह पाकिस्तान पहुंच गया होगा.

राजू पहुंचा अपने वतन वापस
जब से राजू के परिजनों को पता चला कि राजू पाकिस्तान की जेल में बंद है. तभी से उसके बूढ़े मां बाप लगातार पुलिस, प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के चक्कर काट रहे थे. इनधावड़ी गांव में टूटे-फूटे मकान में रहने वाले राजू के माता पिता ने कर्ज लेकर देश भर में  मंदिरों के आसपास राजू को ढूंढने का प्रयास किया. मात्र 4 एकड़ जमीन में पूरे परिवार का पेट भरने वाले राजू के माता-पिता अपने बेटे को पाकर खुश हैं. उसकी मां ने उसे गले लगाया और आंखों से खुशियों के आंसू बह निकले. मां ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर उन तमाम लोगों का धन्यवाद किया. जिनके प्रयासों से राजू अपने घर तक पहुंचा. पाकिस्तान की जेल से सजा काटकर आये राजू ने बताया कि पाकिस्तानी सेना पहले मुझे जासूस समझ रही थी. राजू ने बताया कि उसके साथ पाकिस्तान में बहुत ज्यादा बर्बरता हुई. पाकिस्तान में उसकी बहुत ज्यादा पिटाई होती थी.यहां तक कि कई बार उसे बर्फ पर पर लेटाकर पीटा जाता था. हालांकि, जब उन्हें पता चला कि मैं जासूस नहीं हूं तो उन्होंने मुझे दाल-रोटी के साथ खाने में  चिकन देना भी शुरू कर दिया. 

पिछले हफ्ते पाकिस्तान ने राजस्थान के रास्ते राजू को भारत को सौंपा गया. भारत सरकार ने उसे अमृतसर की रेड क्रॉस सोसाइटी के हवाले किया. अमृतसर प्रशासन की ओर से खंडवा जिला प्रशासन को सूचना दी गई. तब खंडवा जिला कलेक्टर ने 4 लोगों की टीम बनाकर अमृतसर भेजी. इस टीम में शामिल वह पुलिस जांच अधिकारी भी थे. जो लगातार राजू के मामले को डील कर रहे थे. पुलिस अधिकारी ने भी बूढ़े मां बाप की फरियाद को अपने कर्तव्य की इज्जत का सवाल बनाया और हर कीमत पर राजू को वापस लाने के भरसक प्रयास किए. आज अधिकारी भी गर्व से खुश है.

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