Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में पारा चढ़ना शुरू हो गया है. कई शहरों में तापमान 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. ऐसे में चिड़ियाघर में रहने वाले जानवरों के लिए खास इंतजाम किया जा रहा है. गर्मियों में उनकी लाइफस्टाइल के साथ-साथ डाइट प्लान में भी बदलाव किया गया है.
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MP NEWS: मध्य प्रदेश समेत उत्तर भारत में तेज गर्मी का दौर शुरू हो गया है. कई शहरों में तापमान 42 डिग्री से ऊपर पहुंच गया है. एमपी के कुछ शहरों में भीषण गर्मी पड़ना शुरू हो गई है. ऐसे में इंसानों की हालत बेहाल हो रहे है साथ ही साथ जानवरों पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है. जानवरों को स्वस्थ रखने के लिए इंदौर zoo में अनोखा तरीका अपनाया जा रहा है. जू प्रबंधन ने गर्मियों के लिए नया डाइट प्लान तैयार किया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इंदौर के कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय (चिड़ियाघर) में जानवरों को गर्मी से बचाने के लिए कई तरह के नए उपाय किए जा रहे हैं. चिड़ियाघर में रहने वाले प्राणियों के लिए पानी के सकोरे और फव्वारे का इंतजाम किया गया है. कई जानवरों के लिए बाड़े में कूलर-पंखों का इंतजाम किया गया है. कुल मिलाकर अलग-अलग वन्य प्राणियों के लिए अलग-अलग तरीके की व्यवस्था की जा रही है, ताकि गर्मी के मौसम में सभी स्वस्थ रहें.
सांपों के पिजरों में लगाए शावर
शेर, बाघ, तेंदुआ और भालू के बाड़ों में तालाब भरने के साथ-साथ पिंजरों में भी पानी डाला जा रहा है. हाथियों को दिन में 2-3 बार नहलाया जा रहा है. हाथियों के आराम करने के लिए गड्ढे खोदकर आर्टिफिशियल तालाब बनाए गए हैं, जिससे वे ठंडक में आराम कर सकें. इसके अलावा पिंचरों बंद सांपों और हिरण, सांभर और चीतलों के बाड़ों में पानी के शावर लगाए हैं. इन शावरों को समय-समय पर शुरू किया जा जाता है. जिन जानवरों को कीचड़ में बैठना पसंद हैं उनके लिए दलदलीय क्षेत्र बनाए गए हैं. इसके अलावा बंदर, शेर, बाघ, तेंदुआ और भालूओं के पिंजरे के बाहर कूलर लगाए गए हैं.
जानवरों की डाइट में बदलाव
गर्मियों खुद को स्वस्थ रखने के लिए खानपान में बदलाव बेहद जरूरी है. इस बात को ध्यान में रखते हुए जू प्रबंधन ने वहां रहने वाले वन्य प्राणियों के खानपान में बदलाव का प्लान बनाया है. गर्मी से बचाने के लिए सबसे ज्यादा ख्याल पक्षियों को रखा जाएगा. जू में पक्षियों के लिए एक दिन में 2 बार शावर चलाए जा रहे हैं. कुछ पक्षियों के ऊपर पानी का छिड़काव किया जा रहा है. पक्षियों के पिंजरों को गीले कपड़ों से ढका जा रहा है. यही नहीं पक्षियों को रसीले फल भी दिए जा रहे हैं, ताकी उन्हें गर्मी में पानी का कमी न हो. इसके अलावा बाघ, तेंदुआ, शेर जैसे जानवरों को पानी में ओआरएस का घोल दिया जा रहा है.