MP में यादव समाज क्यों है अहम? बुंदेलखंड में रखते हैं पासा पलट देने की ताकत, ग्वालियर-चंबल में भी है प्रभाव
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MP में यादव समाज क्यों है अहम? बुंदेलखंड में रखते हैं पासा पलट देने की ताकत, ग्वालियर-चंबल में भी है प्रभाव

Yadav Community in MP Politics: 80-90 लाख की आबादी और चुनाव परिणामों पर पासा पलट देने की ताकत रखने वाला यादव समुदाय मध्य प्रदेश की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. खासकर बुन्देलखण्ड जैसे क्षेत्रों में उनका राजनीतिक महत्व बहुत ज्यादा है.

Yadav Community Importance in MP Politics

Yadav Community Importance in MP Politics: साल के अंत में होने वाले मध्यप्रदेश (MP News) विधानसभा चुनाव (MP Election) के मद्देनजर सभी दलों की कोशिश सभी वर्गों और जातियों को साधने में है. प्रदेश में भी यादव समुदाय ओबीसी समाज की एक मजबूत जाति और इसी के कारण राजनीति में इसका बहुत प्रभाव है तो चलिए आपको बताते हैं कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव के संबंध में ये समुदाय सभी दलों के लिए क्यों अहम है?

क्यों अहम है यादव समुदाय?
मीडियो रिपोर्ट्स के मुताबिक, मध्य प्रदेश में यादव समुदाय की आबादी लगभग 12-14 प्रतिशत है, यानी राज्य में लगभग 80-90 लाख यादव रहते हैं. इसलिए 50 लाख से अधिक यादव मतदाता आगामी विधानसभा चुनाव के नतीजों पर काफी प्रभाव डाल सकते हैं.

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प्रदेश में यादव समुदाय के बड़े नेता
प्रदेश में राजनीतिक प्रतिनिधित्व के मामले में कांग्रेस और बीजेपी दोनों में ही यादव समुदाय के नेता हैं. कांग्रेस पार्टी में, यादव समुदाय के प्रमुख नेताओं में पूर्व पीसीसी प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव हैं. बता दें कि कांग्रेस ने यादव वोटरों को ध्यान में रखते हुए पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव को बुंदेलखण्ड के 4 जिलों की जिम्मेदारी दी है. इसके साथ ही सचिन यादव (कसरावद), संजय यादव (बरगी), लाखन सिंह यादव (भितरवार) और हर्ष यादव (देवरी) जैसे विधायक इस समुदाय से मौजूदा समय में कांग्रेस के अहम नेता हैं.

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वहीं बीजेपी में शिक्षा मंत्री मोहन यादव, जो कि शिवराज सिंह चौहान सरकार में मंत्री हैं, यादव जाति से आते हैं. इसके अतिरिक्त, ब्रजेंद्र सिंह यादव (मुंगावली) और शिशुपाल यादव (पृथ्वीपुर) जैसे विधायक यादव समुदाय से हैं जो BJP का प्रतिनिधित्व करते हैं.

चुनाव से पहले बीजेपी को झटका 
बता दें कि विधानसभा चुनाव से पहले यादव का लेकर बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. हाल ही में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के खास बैजनाथ सिंह यादव, भोपाल में बीजेपी से कांग्रेस में शामिल हो गए. साथ ही इससे पहले एक अन्य भाजपा नेता यादवेंद्र सिंह यादव भी मार्च की शुरुआत में कांग्रेस की सदस्यता ली थी.

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बुंदेलखंड में यादव समुदाय के पास विशेष ताकत
यादव समुदाय बुंदेलखंड क्षेत्र में विशेष ताकत रखता है, जहां राज्य की कुल 230 में से 29 विधानसभा सीटें हैं. साथ ही इस समुदाय का प्रभाव ग्वालियर-चंबल क्षेत्र तक भी है. बता दें कि ब्रजेंद्र सिंह यादव, शिशुपाल यादव, लाखन सिंह यादव और हर्ष यादव जैसे विधायक इन क्षेत्रों से विधायक हैं.

यादव समाज से मात्र एक मुख्यमंत्री
मध्यप्रदेश में यादव मुख्यमंत्री की बात करें तो भाजपा का एक यादव मुख्यमंत्री रहा है, 2004-05 के दौरान स्वर्गीय बाबू लाल गौर एमपी के मुख्यमंत्री रहे थे. वहीं, कांग्रेस ने अभी तक एक भी यादव नेता को मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी नहीं सौंपी. हालांकि, सुभाष यादव 1993 से 1998 तक दिग्विजय सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में डिप्टी सीएम के पद पर रहे थे.अब देखते हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव में यादव समुदाय किस दल के साथ जाता है.

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