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MP में 'काले सोने' पर छाई सफेद फूलों की चादर, खुशी के साथ किसानों की टेंशन भी बढ़ी

Opium Crop: मध्य प्रदेश में इस वक्त 'काले सोने' यानि अफीम की फसलों पर फूल आ गए हैं, नीमच, मंदसौर समेत आसपास के जिलों में फसलें तैयार हो रही हैं. 

काले सोने पर आए फूल

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काले सोने पर आए फूल

मालवा मेवाड़ की पसंदीदा फसल अफीम जिसे 'काला सोना' भी कहा जाता है, अब इस अफीम की फसल पर सफेद फूलो की चादर छाने लगी है, खेतो में फूल लहलहाने लगे हैं, जिसके बाद किसानों में खुशी की लहर देखी जा रही है. 

मालवा की प्रमुख फसल

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मालवा की प्रमुख फसल

अफीम को मालवा रीजन की प्रमुख फसलों में से एक माना जाता है, इस फसल को काली देवी का रूप तो माना ही जाता है, साथ ही इसे पूजा भी जाता है, काली देवी के रूप की वजह से ही इसे काला सोना कहा जाता है. 

किसानों का रुतबा

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किसानों का रुतबा

अफीम की फसल किसानों को अच्छा पैसा तो दिलाती ही है, साथ ही यह किसानों का रुतबा भी बढ़ाती है. मान्यता है जिसकी अफीम की फसल होती है, उसका किसान समाज में एक अलग ही पहचान और अपना एक अलग ही रुतबा होता है.

चोरी का डर

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चोरी का डर

दरअसल, अफीम के फूल के साथ उनमें अब छोटे-छोटे डोडे भी आने लगे हैं, इसको लेकर भी किसान चिंतित हो गए हैं उन्हें दिन रात इस अफीम की फसल की निगरानी करना पड़ रही है, क्योंकि फसलों का डोडा चोरी होने की भी कई घटनाएं आ चुकी हैं, जिससे फसलों की निगरानी बढ़ गई है. 

अफीम फसल का मिलता है लाइसेंस

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अफीम फसल का मिलता है लाइसेंस

अफीम की फसल का लाइसेंस केंद्र सरकार के द्वारा दिया जाता है, इस अफीम की फसल पूरी तरह से पक जाने के बाद नारकोटिक्स विभाग को अफीम जमा करानी होती है, इस दौरान किसानों की निगरानी बढ़ी रहती है. 

एमपी के इन जिलों में होती है फसल

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एमपी के इन जिलों में होती है फसल

बता दें कि अफीम की फसल मालवा रीजन के कुछ ही जिलों में होती है, जिनमें मंदसौर और नीमच के अलावा आसपास के कुछ जिलों में अफीम की फसल होती है.