Snooker Game: भारत में खेलों का अपना महत्व रहा है. इन खेलों से तन और मन दोनों स्वस्थ रहते हैं. आज दुनियाभर में कई तरह के खेल खेले जाते हैं. जिन्हें इंटरनेशनल गेम कहते हैं. ज्यादातर इंटरनेशनल खेलों की शुरुआत विदेशों से हुई बाद में इन्हें भारत मे खेला गया, लेकिन एक गेम ऐसा है जिसकी शुरुआत में मध्य प्रदेश से हुई.
इंटरनेशनल खेल स्नूकर की शुरुआत 1875 में नेविल चेम्बरलेन ने जबलपुर में ब्रिटिश सैन्य अधिकारियों के मेस में की थी.
जबलपुर, जिसे जब जुबुलपुर कहा जाता था. ब्रिटिश सेना के अधिकारी लेफ्टिनेंट नेविल फ्रांसिस फिट्जगेराल्ड चेम्बरलेन शहर की 11वीं डेवोनशायर रेजिमेंट के मेस में ब्लैक पूल खेल के साथ प्रयोग कर रहे थे.
ब्लैक पूल, बिलियर्ड्स खेल का एक प्रकार है. जिसमें 15 लाल गेंदें और एक काली गेंद शामिल होती थी. चेम्बरलेन ने इस खेल में कुछ और रंगीन गेंदें फेंक दी जिससे नया खेल पैदा हो गया.
इस खेल के नाम की भी दिलचस्प कहानी है. उन दिनों "स्नूकर" कह कर उन खिलाड़ियों को चिढ़ाया जाता था, जो खेल में अच्छे नहीं है.
इतिहासकारों की मानें तो जब डेवनशायर रेजिमेंट के कर्नल और खेल के रचयिता नेविल चैम्बर्लन इस नए खेल को साथियों के साथ खेल रहे थे. तभी उनके साथी ने गेंद पर निशाना लगाया, लेकिन वह पॉकेट में गेंद डालने में असफल रहे, इस पर चैम्बर्लन ने उसे स्नूकर कहकर पुकारा.
दूसरी कहानी यह कहती है कि चेम्बरलेन ने देखा कि ब्लैक पूल के इस नए रूप को खेलने वाले सभी लोग 'खेल में स्नूकर' या नौसिखिए थे. ऐसे यह नाम तुरंत ही उनके दिमाग में बैठ गया और यह खेल इसी नाम से जाना जाने लगा.
20वीं सदी के शुरुआती दशकों में यह खेल यूनाइटेड किंगडम में खेला जाने लगा. 1960 के दशक की शुरुआत तक यह सज्जनों का खेल माना जाता था. धीरे धीरे यह फेमस हुआ और दुनिया में फैलता गया.
भारतीयों को उस समय इसे खेलने का मौका नहीं मिला लेकिन अब पंकज आडवाणी इस खेल में भारतीयों का लोहा मनवा रहे हैं.
जबलपुर से निकला यह खेल अब बहुत आगे निकल गया है. अब विश्व स्नूकर चैम्पियनशिप का भी आयोजन होने लगा है, जिस पर दुनिया भर की निगाहें रहती हैं.
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