अजमेर जिले के शहरी क्षेत्र में बिकने वाले पटाखों पर जिला प्रशासन ने रोक लगाते हुए शहर के चार प्रमुख खुले स्थानों पर दुकानों का आवंटन किया है.
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Ajmer: राजस्थान के अजमेर जिले के शहरी क्षेत्र में बिकने वाले पटाखों पर जिला प्रशासन ने रोक लगाते हुए शहर के चार प्रमुख खुले स्थानों पर दुकानों का आवंटन किया है, जिसके विरोध में आज पटाखा व्यापारियों के साथ ही बीजेपी कांग्रेस के पदाधिकारियों ने अपना गुस्सा जाहिर करते हुए जिला कटक तक से इस मामले में शिव योग करते हुए जल्द समाधान की मांग की है.
नगर निगम डिप्टी मेयर नीरज जैन मीडिया से बातचीत में कहा कि आगामी दिनों में दीपावली का त्यौहार है, जिसे लेकर पटाखा व्यापारियों ने अपनी तैयारियां कर ली है. मात्र 6 से 7 दिन का व्यापारियों का कारोबार होता है, लेकिन फायर सेफ्टी ऑफिसर के समिश्रण पर जो निर्णय लिया गया है. वह ना कि दुकानदार के पक्ष में है और ना ही जनता के पक्ष में है. उन्होंने कहा कि एक जगह इकट्ठा करके बारूद इकट्ठा किया जाएगा, तो वहां आग लगने की संभावना ज्यादा है और खतरा बढ़ेगा.
साथ ही डिप्टी मेयर ने कहा कि ऐसी स्थिति में नगर निगम को नोडल एजेंसी बना रखा है, लेकिन नगर निगम वहां पर स्थाई दुकान नहीं बना कर दे सकती. उन्होंने कहा कि लेकिन नियमों में है कि जहां स्थाई दुकान होगी. वहीं पर पटाखों का लाइसेंस दिया जाएगा और जहां जगह निर्धारित की गई है. वहां पर पक्की दुकानें नहीं बन सकती है.
उन्होंने कहा कि जिस जनहानि से बचने के लिए यह निर्णय लिया गया है, उससे बड़ी जनहानि होने की संभावना है. रविवार को व्यापारियों के साथ जिला कलेक्टर अंशदीप से मुलाकात कर उनसे आग्रह किया गया है कि जहां भी 10 फीट रोड है और वहां एंबुलेंस, अग्निशमन वाहन नहीं जा सकती उस जगह को छोड़कर बाकी दुकानदारों को रिहाई दी जाए, जिससे की दुकानदारों को और आम जनता को फायदा हो.
Reporter: Ashok Bhati
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