नगरपालिका चेयरमैन के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पारित, कार्यशैली पर उठे थे सवाल
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नगरपालिका चेयरमैन के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पारित, कार्यशैली पर उठे थे सवाल

देश में सबसे छोटी नगरपालिका के रूप में इतिहास रचने वाली नसीराबाद की नगरपालिका में पहली बार चुनाव के बाद बोर्ड गठित करते हुए, कांग्रेस समर्थक शारदा मित्तलवाल को चेयरमैन बनाया गया था.

नगरपालिका चेयरमैन के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पारित, कार्यशैली पर उठे थे सवाल

Nasirabad: देश में सबसे छोटी नगरपालिका के रूप में इतिहास रचने वाली नसीराबाद की नगरपालिका में पहली बार चुनाव के बाद बोर्ड गठित करते हुए, कांग्रेस समर्थक शारदा मित्तलवाल को चेयरमैन बनाया गया था. परंतु शारदा मित्तलवाल  5 साल का  अपना कार्यकाल पूरा करती उससे पहले ही भाजपाइयों सहित कांग्रेस के पार्षदों ने अविश्वास जताते हुए, कलेक्टर को पत्र प्रेषित किया. जिसके तहत 17 जून को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करने के बाद मतदान किया गया. जिसमें तीन चौथाई बहुमत से अविश्वास प्रस्ताव पारित कर दिया गया.

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 अविश्वास प्रस्ताव बैठक की कार्रवाई उपखंड अधिकारी राकेश कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में की गई.  इस मौके पर तहसीलदार भवरलाल सैन नगरपालिका अधिशासी अधिकारी मौजूद रहे.  मिली जानकारी के अनुसार नगरपालिका नसीराबाद में 20 वार्ड के कुल 20 पार्षद है. जिसमें से 10 भाजपा, 8 कांग्रेस समर्थक एवं 2 निर्दलीय पार्षद थे. कांग्रेस पार्टी ने दोनों निर्दलीय को अपने खेमे में लेकर निर्दलीय शारदा मित्तलवाल को नगरपालिका चेयरमैन चुनाव के लिए प्रत्याशी बनाया था लेकिन, भाजपा और कांग्रेस दोनों ही उम्मीदवारों को दस-दस वोट मिलने के कारण लाटरी निकाली गई, जिसमें कांग्रेस समर्थक निर्दलीय शारदा मित्तलवाल विजय घोषित की गई.

 गौरतलब है कि, शारदा मित्तलवाल  के जरिए नगरपालिका में पदभार संभालने के बाद उनकी कार्य शैली पर लगातार प्रश्न चिन्ह और भ्रष्टाचार के आरोप लगे.  मित्तलवाल की कार्यशैली से भाजपाई ही नहीं बल्कि कांग्रेसी पार्षदों में भी आक्रोश था.  भाजपा एवं कांग्रेस सहित निर्दलीय पार्षदों ने बगावत शुरू करते हुए, कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर अविश्वास प्रस्ताव का पत्र प्रेषित किया.  जिसके तहत अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और आवश्यक होने पर मतदान के लिए 10 जून तिथि नियत की गई थी. लेकिन 10 जून को राज्यसभा चुनाव को देखते हुए 17 जून तिथि नियत की गई.

 20 पार्षदों के अतिरिक्त विधायक पदेन सदस्य होने के कारण उनका भी वोट डाला गया. जिसके चलते 21 में से 16 मतों से अविश्वास प्रस्ताव पारित करने की घोषणा की गई. अविश्वास प्रस्ताव पर निर्णय होने से पूर्व आधे से अधिक पार्षद अज्ञातवास में चले गए थे और 17 तारीख की दोपहर को 12 बजे नियत समय पर नगरपालिका स्थित अंबेडकर भवन में जैसे ही प्रवेश करने लगे तभी कुछ व्यक्तियों ने एक-दो पार्षदों को रोकने का प्रयास किया. लेकिन मौके पर पुलिस और भाजपाई समर्थक मौजूद होने के कारण असफल रहे. 

कांग्रेस पार्टी समर्थक नगर पालिका चेयरमैन शारदा मित्तल वालों के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पारित होते ही नगरपालिका स्थित अंबेडकर भवन के बाहर विधायक लांबा के जयकारे लगाए. ढोल बजाकर मिठाइयां बांटकर खुशी का इजहार किया गया. अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और मतदान के वक्त अंबेडकर भवन के बाहर ओबीसी मोर्चा जिला अध्यक्ष पूर्व प्रधान अशोक सिंह रावत, भाजपा जिला महामंत्री तेजमल प्रजापत, भाजपा मंडल अध्यक्ष महेश मेहरा, भवानीखेड़ा भाजपा मंडल अध्यक्ष हीरासिंह रावत, भाजपा पूर्व मंडल अध्यक्ष वैभव तेला, भाजपा युवा नेता काली बाबानी, नवीन शर्मा, महेंद्र चौधरी, प्रदीप सिंह राठौड़ आदि विशेष रूप से मौजूद रहे.

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