अलवर न्यूज: फैक्ट्री को बंद कराने के लिए एडीएम को ज्ञापन देने सैकड़ो ग्रामीण पहुंचे. एडीएम नहीं मिले तो धरने ग्रामीण बैठ गए.कजारिया फैक्ट्री के खिलाफ लामबंद दर्जनों गांव हो चुके हैं.
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Alwar: टपूकड़ा औद्योगिक क्षेत्र में संचालित टाइल्स बनाने वाली फैक्ट्री कजारिया टाइल्स सेरेमिक के द्वारा क्षेत्र में फैलाए जा रहे जल व वायु प्रदूषण के खिलाफ एक दर्जन से ज्यादा गांव लामबंद हो चुके हैं. सोमवार को इन सभी गांवों के सैकड़ों लोग एकत्रित होकर कंपनी के खिलाफ ज्ञापन देने के लिए भिवाड़ी एडीएम कार्यालय पहुंचे.मनसा चौक पर इकट्ठे हुए सैकड़ों ग्रामीण कंपनी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए एडीएम कार्यालय तक आए. लेकिन कार्यालय में एडीएम गुंजन सोनी नहीं मिलने के कारण कार्यालय परिसर में ही धरना देकर बैठ गए.
इस दौरान ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत मसीत में संचालित टाइल बनाने वाली फैक्ट्री कजारिया सेरेमिक क्षेत्र में बहुत ज्यादा प्रदूषण फैला रही है. पूरे एनसीआर में तूड़ी जलने की अनुमति नहीं होने के बावजूद भी वह भारी मात्रा में रोजाना तूड़ी जलाकर टाइल्स का निर्माण कर रही है जिससे कंपनी के चारों तरफ दर्जनों गांवो में इसका प्रदूषण फैल चुका है.
यह कंपनी वायु के साथ-साथ पानी को भी केमिकल मिलाकर गंदा कर रही है, कंपनी की शिकायत भिवाड़ी प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अमित शर्मा को कई बार की जा चुकी है लेकिन वह कंपनी के अधिकारियों से सांठगांठ कर कोई भी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. कंपनी के खिलाफ जल्दी कार्रवाई नहीं की गई तो बड़ी संख्या में ग्रामीण एकत्रित होकर कंपनी के सामने ही धरना प्रदर्शन कर भिवाड़ी अलवर मेगा हाईवे को जाम करेंगे.
बुजुर्गों में दमा की शिकायत
कंपनी के द्वारा किए जा रहे वायु प्रदूषण से बुजुर्गों में दमा फैल चुका है बच्चों में खांसी जुकाम व त्वचा रोग घर कर चुके हैं पूरे क्षेत्र में बदबू का आलम है तो वही पानी का टीडीएस 1000 से 1500 के बीच में निकल कर आ रहा है जबकि यह तीन सौ के ऊपर जाते ही मानव जीवन के लिए खतरनाक बन जाता है. कंपनी की तरफ से निकलने वाला स्लज गांवों की सड़कों पर जगह-जगह पटक दिया गया है.
कंपनी के अंदर रोजाना सैकड़ों ट्रक तूड़ी के जलने के लिए आते हैं शाम के समय तो क्षेत्र में पूरा आसमान काला ही काला हो जाता है. इस संबंध में भिवाड़ी स्थित प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड सहित तिजारा एसडीएम व टपूकड़ा तहसीलदार को भी कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए लिखित में दिया जा चुका है. लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत से कंपनी पर कोई कार्रवाई नहीं होती है अधिकारी जांच करने के लिए कंपनी के अंदर जाते हैं और अपनी जेब गर्म कर बाहर आ जाते हैं.
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