Alwar News: अलवर में क्लीन एयर के लिए सख्त कदम उठाना जरूरी-टीकाराम जूली
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Alwar News: अलवर में क्लीन एयर के लिए सख्त कदम उठाना जरूरी-टीकाराम जूली

Alwar News: राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा है कि केन्द्रीय पर्यावरण, वानिकी एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव और प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा दोनों अलवर के नुमाइंदे हैं.लेकिन अलवर को वायु प्रदूषण से मुक्ति दिलाने के लिए ये दोनों मंत्री कुछ नहीं कर रहे हैं. 

Alwar News: अलवर में क्लीन एयर के लिए सख्त कदम उठाना जरूरी-टीकाराम जूली

Alwar News: राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा है कि केन्द्रीय पर्यावरण, वानिकी एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव और प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा दोनों अलवर के नुमाइंदे हैं.लेकिन अलवर को वायु प्रदूषण से मुक्ति दिलाने के लिए ये दोनों मंत्री कुछ नहीं कर रहे हैं. जबकि इन्हें अलवर को वायु प्रदूषण मुक्त करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से विशेष कार्ययोजना की मांग करनी चाहिए.

नेता प्रतिपक्ष और अलवर ग्रामीण से विधायक टीकाराम जूली ने कहा कि अलवर शहर में एयर क्वालिटी इंडेक्स ( एक्यूआई) का स्तर बेहद खराब है. राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम ( नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम) जिसे ''एनसीएपी'' के नाम से जाना जाता है. इसमें अलवर को ''गैर प्राप्ति शहर'' गिना गया है. यह अलवर के लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ा बहुत संवेदनशील और गंभीर प्रश्न है. लेकिन अलवर से लोकसभा सांसद बनने के बाद भूपेन्द्र यादव, जो कि केन्द्रीय पर्यावरण, वानिकी एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भी हैं. 

उनका पूरे अलवर लोकसभा क्षेत्र से कोई जुड़ाव नहीं रह गया है. जबकि उनकी पहली प्राथमिकता अलवर को वायु प्रदूषण मुक्त कराने की होनी चाहिए थी. क्योंकि यह सीधे उनके मंत्रालय से जुड़ा हुआ विषय है. वहीं, राज्य के वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा सिर्फ़ नाम मात्र के दिखावे के मंत्री हैं. शर्मा की ना मुख्यमंत्री सुनते है. और ना ही अधिकारी. लेकिन मंत्री की नाकामी अलवर की जनता को भुगतनी पड़ रही है. एनसीएपी के अंतर्गत अलवर में विशेष कार्ययोजना के लिए संजय शर्मा ने भी कोई कदम नहीं उठाया.

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि एनसीएपी के एजेंडे में शामिल है कि वह वायु प्रदूषण से युक्त क्षेत्रों की राज्यों के जरिए विशेष आर्थिक मदद करे. वहीं, वायु प्रदूषण के स्त्रोतों पर ध्यान दे. दुपहिया वाहनों में '' ई -मोबिलिटी '' को प्रोत्साहित करे. सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा दे. अपशिष्ट का प्रबंधन करे और प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों को नियंत्रित करे. लेकिन अलवर में एनसीएपी को लेकर उदासीनता व्याप्त है.

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि अलवर और भिवाड़ी दोनों शहरों का एयर क्वालिटी इंडेक्स बहुत चिंताजनक है. जब एक्यूआई का मानक 101 से अधिक होता है. उसे '' पूअर '' कैटेगिरी में गिना जाता है. दो दिन पहले अलवर के मोती डूंगरी इलाके में एक्यूआई 175 आंका गया था. अलवर में एक्यूआई की स्थिति सुबह के समय भी बेहतर नहीं रहती. यह स्थिति बदलनी नितांत आवश्यक है.

जूली ने कहा कि भिवाड़ी में दीपावली के बाद एक्यूआई 341 आंका गया. बढ़ते स्मॉग से अलवर शहर में दिन में धुंध उत्पन्न हो जाती है. लोग स्मॉग से बचने के लिए मास्क लगाने पर मजबूर हैं. अरावली पर्वतमाला की गोद में बसे होने के बावजूद अलवर के लोगों के फेफड़ों को खतरा दिनों -दिन बढ़ रहा है.

जूली ने कहा कि यह विषय अलवर के भविष्य और जनता के स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है और राजनीतिक मुद्दा नहीं है. इस मुद्दे की कोई भी अनदेखी नहीं कर सकता. लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि दिल्ली एनसीआर की परिधि में शामिल अलवर को केन्द्र व राज्य की कथित डबल इंजन सरकार स्वच्छ वायु भी उपलब्ध कराने में नाकाम हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह अलवर के लोकसभा सांसद का अपने निर्वाचन क्षेत्र से किसी तरह का भावनात्मक जुड़ाव नहीं होना है.

जूली ने कहा कि समूचे अलवर जिले में हरित अभियान की आवश्यकता है. इसके लिए सघन वानिकीकरण की विशेष कार्ययोजना बनायी जानी चाहिए. वायु प्रदूषण मुक्त उघोगों को बढ़ावा देने की जरूरत है. साथ ही अलवर जिले के गांव -शहरों में पक्की सड़कों का जाल बिछाने की आवश्यकता है. ताकि धूल से मुक्ति पायी जा सके. जूली ने कहा कि 25 नवंबर को ऐतिहासिक नगरी अलवर का स्थापना दिवस है. इस दिन '' स्वच्छ एवं हरित अलवर '' की परिकल्पना के साथ केन्द्र व राज्य सरकार को विशेष कार्ययोजना घोषित करनी चाहिए.

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