राजस्थान की यह छोरी बनी टॉप हॉकी खिलाड़ी, 6 बार नेशनल टीम में हो चुकी हैं शामिल
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राजस्थान की यह छोरी बनी टॉप हॉकी खिलाड़ी, 6 बार नेशनल टीम में हो चुकी हैं शामिल

Rajasthani Girl Rakhi Jatav: अलवर जिले के रहने वाली राखी जाटव (Rakhi Jatav) आज सभी महिलाओं और लड़कियों के लिए प्रेरणा हैं. उनकी सफलता की कहानी लंबी और संघर्ष से भरी हुई है. जानें राजस्थानी छोरी ने कैसे दिखाया कमाल. 

राजस्थान की यह छोरी बनी टॉप हॉकी खिलाड़ी, 6 बार नेशनल टीम में हो चुकी हैं शामिल

Rajasthani Girl Rakhi Jatav: राजस्थान में हुनर की कमी नहीं है. आज हम आपको प्रदेश के अलवर जिले के रहने वाली राखी जाटव (Rakhi Jatav) की सफलता की कहानी बताने जा रहे हैं. राखी जाटव आज सभी महिलाओं और लड़कियों के लिए प्रेरणा हैं, जो अपने जीवन से सपने पूरा करने के लिए मेहनत कर रही हैं. 

राखी जाटव ने राजस्थान की हॉकी टीम  (Rajasthan Hockey Team) में शामिल होकर पूरे प्रदेश में अपना और अपने पूरे परिवार का नाम रोशन किया है. राखी जाटव अलवर के खुदनपुरी (Khudanpuri) इलाके की रहने वाली हैं. 

राखी जाटव आंध्र प्रदेश में 15 फरवरी से लेकर 26 फरवरी तक आयोजित होने वाली सीनियर नेशनल महिला हॉकी चैंपियनशिप में राजस्थान का प्रतिनिधित्व करने वाली हैं. राखी जाटव के यहां तक पहुंचने के पीछे उनकी सफलता की एक लंबी और संघर्ष से भरी हुई कहानी है. 

अलवर की बेटी 6 बार नेशनल टीम में खेल चुकी हैं. अभी उन्होंने उदयपुर (Udaipur) में आयोजित हुई स्टेट चैंपियनशिप महिला हॉकी के फाइनल में इतना अच्छा खेला, जिसके बाद उनको राजस्थान की महिला हॉकी टीम में शामिल किर लिया गया. 

राखी जाटव एक गरीब परिवार से हैं. कोविड के दौरान उनके पिता का निधन हो गया था, जिसके बाद उन पर बड़ी परेशानी आ पड़ी थी.  राखी जाटव चार बहन और एक भाई है. राखी अपने घर में सबसे छोटी बेटी हैं. राखी ने पिता के निधन के बाद एक निजी स्कूल में बतौर हॉकी ट्रेनर के रूप में नौकर की और बच्चों को ट्रेनिंग दी. वहीं, उन्होंने खुद भी हॉकी की तैयारी जारी रखी. 

राखी का कहा कि उन्होंने केवल लोगों को देखकर हॉकी सिखा है. उन्होंने कभी इसके लिए कहीं से  ट्रेनिंग नहीं ली थी. राखी ने बताया कि उनके पास हॉकी खरीदने तक के रुपये नहीं थे, इसके लिए उनकी मदद खुदनपूरी राजकीय स्कूल के पीटीआई विजेंद्र सिंह नरूका ने की. उन्होंने राखी को हॉकी खरीदकर दी. इस तरह वह आगे बढ़ पाई और आज उनका संघर्ष सफल हो गया. आज वह एक बेहतर खिलाड़ी की तरह खेल रही है और लोगों को सिखा भी रही हैं. 

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