HawaMahal Jaipur Vidhansabha Seat: हवामहल की सियासी आंधी में अच्छे-अच्छे धुंरधर उडे,20 साल से जो हारा, वो पार्टी सत्ता से बाहर
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HawaMahal Jaipur Vidhansabha Seat: हवामहल की हवा राजस्थान की सियासी आंधी से सीधा ताल्लुक रखती है. जब-जब सियासी आंधी चली, अच्छे-अच्छे धुरंधर हवा में उड गए. पुराने जयपुर की चारदीवारी से घिरी हवामहल सीट के कुछ इसी तरह से अजब-गजब के संयोग है.
हवामहल की हवा का राजस्थान के सियासी समीकरण से गहरा नाता है.20 साल से जिस पार्टी का उम्मीदवार हवामहल की सियासी हवा में हारा,वो पार्टी सत्ता में नहीं आई.हवामहल सीट गंवाने के बाद से उस पार्टी को सत्ता में सत्ता में आने का मौका नहीं मिला.यानी मौजूदा सरकार को हार का मुहं देखना पडा. 2003 से हवामहल की आंधी में बडे बडे धुरंधर चुनावी हवा में उड गए.सुरेंद्र पारीक,ब्रजकिशोर शर्मा,मंजू शर्मा,रिखब चंद शाह जैसे दिग्गजों को हार का मुंह देखना पडा.फिलहाल हवामहल से जलदाय मंत्री महेश जोशी विधायक है.
चुनाव कांग्रेस प्रत्याक्षी बीजेपी प्रत्याक्षी जीत हुई वोटो से जीत
2003 रिखभचंद्र शाह सुरेंद्र पारीक बीजेपी 7,089
2008 ब्रजकिशोर शर्मा मंजू शर्मा कांग्रेस 580
2013 ब्रजकिशोर शर्मा सुरेंद्र पारीक बीजेपी 12715
2018 महेश जोशी सुरेंद्र पारीक कांग्रेस 9282
हवामहल की सीट से बडे बडे दिग्गज हवा में उडे,लेकिन भंवरलाल शर्मा बीजेपी से ऐसे उम्मीदवार थे,जिन्होंने बडी-बडी सियासी आंधी का सामना किया और वे लगातार 6 बार जीतते गए. 1977 से लेकर 2003 तक हवामहल की सीट से भंवरलाल शर्मा ने जीत दर्ज कर रिकार्ड बनाया.इस दौरान 1 बार जनता दल और 5 बार बीजेपी से चुनाव लडकर जीत दर्ज की थी.
कांग्रेस के बनवारी लाल गुप्ता,महेश जोशी,दिनेश चंद्र स्वामी,रामेश्वर प्रसाद माहेश्वरी की हार हुई.हवामहल से अबकी बार कांग्रेस से महेश जोशी ने दावेदारी पेश कर दी है.ऐसे में अबकी बार हवा का रूख किस करवट लेगा.इसका पता 3 दिसंबर को लग जाएगा.
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