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बाड़मेर: जिले के छोटे से गांव नांद का रहना वाला नौजवान अगरेंद्र कुमार पुत्र महेशा राम मेघवाल ने देहदान की घोषणा कर नजीर पेश की. बाड़मेर मेडिकल कॉलेज में जनहित व शौध के लिए देहदान का फॉर्म भरने वाला यह 24 वां व्यक्ति अपने मित्र जेताराम परमार से प्रेरित हुआ. शहर के सिणधरी चौराहे पर फल फ्रूट का गाड़ा लगाकर दिहाड़ी मजदूरी करने वाला अगरेन्द्र सोमवार को राजकीय चिकित्सालय पहुंचा. अपने मित्र जेताराम परमार व श्याम माली के साथ पीएमओ कक्ष पहुंचकर देहदान का फॉर्म भर समस्त औपचारिकताएं पूरी की.
बताया कि मृत्यु के बाद शरीर को कोई नहीं ले जाता. यह मिट्टी में ही मिलकर राख हो जाता है. जो किसी के काम नहीं आती. इससे अच्छा है कि देहदान के जरिए यह मेडिकल की पढ़ाई करने वाले भावी चिकित्सकों के कुछ काम आ सके. बताया कि देहदान के निर्णय से वह बेहद खुश है तथा परिवार वाले भी इस निर्णय से राजी है. उम्मीद है वह परिवार के लोगों को भी देहदान के महत्व को समझाते हुए उन्हें इसके लिए तैयार करेगा. तत्पश्चात कॉलेज के प्राचार्य एवं नियंत्रक डॉ आरके आसेरी, अधीक्षक डा बी एल मसूरिया व डा दीपक तंवर को अग्रेंद्र ने देहदान शपथ फॉर्म सौंपा.
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डा आर के आसेरी ने कहा कि बाड़मेर मेडिकल कॉलेज में देहदान के लिए अब तक 24 व्यक्तियों ने अपना शपथ फॉर्म जमा करवाया है. जो कि बेहद ही साहसिक व अनुकरणीय कार्य है.इस अवसर पर डा दिनेश परमार, डा शालू परिहार, हैल्थ मैनेजर नरेंद्र खत्री, डाटा मैनेजर अबरार मोहम्मद, जोगेंद्र कुमार माली सहित कई अधिकारी मौजूद रहे.