उत्कर्ष अग्रवाल पुत्र लक्ष्मीकांत गर्ग ने यूपीएससी द्वारा जारी परीक्षा परिणाम में 286वीं रैंक हासिल कर अपने गांव का ही नहीं बल्कि भरतपुर जिले एवं राजस्थान का नाम देश में रोशन किया है. उत्कर्ष अग्रवाल के परिजनों ने बताया कि उत्कर्ष ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कस्बा भुसावर के आदर्श विद्या मंदिर से प्राप्त की है.
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Bharatpur News: भरतपुर के भुसावर उपखंड मुख्यालय भुसावर से तकरीबन 20 किलोमीटर दूर स्टेट मेगा हाईवे 45 खेड़ली अलवर सड़क मार्ग पर बसे गांव भैसीना के मूल एवं हाल जयपुर प्रताप नगर निवासी उत्कर्ष अग्रवाल पुत्र लक्ष्मीकांत गर्ग ने यूपीएससी द्वारा जारी परीक्षा परिणाम में 286वीं रैंक हासिल कर अपने गांव का ही नहीं बल्कि भरतपुर जिले एवं राजस्थान का नाम देश में रोशन किया है.
इसकी जानकारी मिलने के बाद क्षेत्रवासियों एवं परिजनों में खुशियों की लहर दौड़ गई और एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाइयां दी. उत्कर्ष अग्रवाल के पिता लक्ष्मीकांत गर्ग वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं जबकि माता विमला सिंघल राजकीय अध्यापिका के पद पर कार्य करते हुए समाज सेवा में लगी हुई हैं.
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उत्कर्ष के माता-पिता ने तकरीबन 15 वर्षों तक भुसावर कस्बे में रहकर राजकीय सेवा की है और अब वर्तमान में पूरा परिवार जयपुर के प्रतापनगर में निवास कर रहा है. उत्कर्ष का बड़ा भाई बैंक में सर्विस कर रहा है जबकि उत्कर्ष के ननिहाल में अधिकतर परिजन राजकीय सेवा में लगे हुए हैं, जिनमें उत्कर्ष के मामा पवन कुमार सिंघल जिला एवं सत्र न्यायाधीश के पद पर कार्यरत हैं तो उनके मामा की बेटी और दामाद भी न्यायिक सेवा में है. जिनसे उन्होंने इस मुकाम के लिए प्रेरणा ली है.
अब तक की पढ़ाई
उत्कर्ष अग्रवाल के परिजनों ने बताया कि उत्कर्ष ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कस्बा भुसावर के आदर्श विद्या मंदिर से प्राप्त की है. वहीं उन्होंने आरटीयू कोटा से बीटेक किया है.
यूपीएससी की तैयारी
उत्कर्ष अग्रवाल ने बीटेक करने के बाद यूपीएससी में जाने का मन बना लिया और अपने नाना गोपाल प्रसाद सिंघल के मार्गदर्शन में मामा पवन कुमार सिंघल जिला एवं सत्र न्यायाधीश से प्रेरणा लेते हुए दिल्ली एवं जयपुर में कोचिंग करते हुए लगातार 10 घंटों से अधिक पढ़ाई कर तैयारियां की. जहां उन्होंने प्रथम प्रयास में ही साक्षात्कार एवं दूसरे प्रयास में मुख्य परीक्षा दी थी उन्होंने तृतीय प्रयास में सफलता हासिल कर ली और 286 वी रैंक प्राप्त कर क्षेत्र का नाम रोशन किया है.
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मुकाम तक पहुंचाने में लोगों की मदद
उत्कर्ष अग्रवाल ने बताया कि इस मुकाम तक पहुंचने में उनकी उनके माता-पिता, भाई, दोस्त, अध्यापक एवं परिजनों ने पूरी भूमिका निभाई है. हमेशा इनके द्वारा प्रोत्साहित किया जाता रहा और विश्वास करते हुए हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया गुरुजनों द्वारा कठिन परिश्रम करवाया गया जिससे यह मुकाम हासिल कर पाए हैं.
युवा साथियों को संदेश
उत्कर्ष अग्रवाल ने कहा कि मंजिल प्राप्ति के लिए जीवन में लक्ष्य निर्धारित होना जरूरी है. हमें अनुशासन में रहकर कठिन परिश्रम करते हुए अपने ऊपर दृढ़ निश्चय करते हुए लक्ष्य का पीछा करना चाहिए तो मंजिल अवश्य ही मिल जाती है सोशल मीडिया का उपयोग डाउट क्लियर करने के लिए एवं पढ़ाई से संबंधित कार्यों के लिए करना चाहिए एवं अपना पूरा ध्यान पढ़ाई पर केंद्रित करना चाहिए, जिससे लक्ष्य हमें प्राप्त हो सके. वही माता-पिता को भी अपने बच्चों पर भरोसा रखते हुए उन्हें प्रेरित करना चाहिए.
मां ने आरती उतार कर किया स्वागत
यूपीएससी में 286 वी रैंक हासिल करने के बाद पहली बार अपने परिवार के पास जयपुर पहुंचे उत्कर्ष अग्रवाल का परिजनों द्वारा ढोल नगाड़ों के साथ स्वागत किया गया. देहली से जारी वाई ट्रेन आने के बाद रेलवे स्टेशन उतरते ही सभी ने उत्कर्ष को फूल मालाओं से लाद दिया और नृत्य करते हुए घर पहुंचे, जहां बेटे की वाट देख रही मां विमला सहित परिवार की अन्य महिलाओं ने आरती उतार कर स्वागत किया और बलाएं लेते हुए काला टीका लगाकर नजर उतारी, जिसके बाद उत्कर्ष अग्रवाल ने सभी के पैर छूकर आशीर्वाद लिया.