Asind, Bhilwara News: राजस्थान के भीलवाड़ा जिले से 60 किलोमीटर दूर बरसनी ग्राम पंचायत के छोटे से गांव मालमपुरा की लड़की नीतू ने कबड्डी खेलकर अपने माता-पिता का नाम रोशन किया है.
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Asind, Bhilwara News: राजस्थान के भीलवाड़ा जिले से 60 किलोमीटर दूर बरसनी ग्राम पंचायत के छोटे से गांव मालमपुरा की एक छोटी-सी लड़की नीतू ने बचपन में ही ठान लिया कि उसे कबड्डी खेलना है और इसी खेल द्वारा अपने माता-पिता का नाम रोशन करना है. गांव के लोगों ने जब सुना कि कबड्डी खेल, यह तो लड़कियों का खेल नहीं है, यह तो संभव ही नहीं है. लोग नीतू की बात करते थे कि अरे यह लड़कियों का काम नहीं है, वह कबड्डी खेले. यह खेल तो लड़कों का है, घर पर खाना बनाना सीख ले थोड़ा बहुत पढ़ ले, बस इसके अलावा कुछ करने की जरूरत नहीं होती है.
नीतू को गांव के लोगों से किसी भी बात की परवाह नहीं थी, वह सुबह 5:00 बजे उठती थी और गांव से दूर अपने पिता के साथ अपने खेल के प्रति प्रैक्टिस करती थी और फील्ड में जाकर थोड़ा पसीना बहाती थी. विद्यालय के शारीरिक शिक्षक उसकी लगन से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने भी उसे पूरे मन से कबड्डी खेल के भाव पर चिपकाना शुरु कर दिए.
नीतू के बारे में सहायक शिक्षक में देवकरण रेगर ने 1 दिन उसके पिता सोहनलाल को बुलाया और कहा कि तुम्हारी बेटी बहुत नाम करेगी. इसकी खुराक सही करो और शारीरिक शिक्षक के कहने पर पिता सोहनलाल में एक कोच की भूमिका अदा शुरू की और ध्यान देना शुरू किया. जब पहली बार विद्यालय स्तर पर नीतू का चयन हुआ तो नीतू के पिता काफी खुश हुए और नीतू को अपना अभिमान मानने लगे.
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निरंतर नीतू का खेल दिन प्रतिदिन अच्छा होने लगा और अपने अच्छे खेल के प्रदर्शन के चलते नीतू का चौथी बार राज्य स्तर पर चयन हुआ, तो पिता की आंखे खुशी से छलक उठी और अपनी बेटी के लिए कहा कि "मारी छोरी के छोरो से कम है", जो उम्मीद एक पिता ने अपनी बेटी से की थी, उस उम्मीद पर खरे उतरते हुए नीतू हर बार अपने खेल के माध्यम से अच्छा प्रदर्शन करती गई. नीतू की इच्छा है कि वह अपने खेल के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचे, आज पूरे क्षेत्र के लोगों के लिए वह प्रेरणा बनी हुई है, जो यह कहते थे कि लड़कों का खेल है, लड़कियां क्या खेलेगी कबड्डी.
खेल मंत्रालय के उपक्रम द्वारा मिलता रहा सम्मान
नीतू आचार्य को खेल भावना के लिए प्रेरित करने में युवा कार्यक्रम खेल मंत्रालय भारत सरकार के उपक्रम नेहरू युवा संस्थान बरसनी द्वारा हर बार सम्मान मिलता रहा है.
एक मंच पर अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर हरसंभव हौंसला बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवकों द्वारा छोटी बहन का सम्मान किया है, जिससे वह और आगे बढ़े, जिससे वह अपने माता-पिता अपने गांव का नाम रोशन कर सके.
Reporter: Mohammad Khan
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