बीकानेर जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल के प्रयासों से रोशन हुए शिक्षा के दीप, चकगर्बी में रहने वाले 51 बच्चे बसों में बैठकर पहुंचे स्कूल, बच्चों के माता पिता ने जताया आभार.
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Bikaner: बीकानेर में चकगर्बी में रहने वाले 51 बच्चे बसों में बैठकर स्कूल पहुंचे. दीपावली पर अवकाश के ठीक बाद यहां रहने वाले 400 परिवारों के बच्चों को शिक्षा जोड़ने का सपना साकार होता दिखा. चकगर्बी में रहने वाले 51 बच्चों को आरसीपी कॉलोनी स्थित सरकारी स्कूल में अस्थाई प्रवेश दिला दिया गया है तथा इन्हें स्कूल लाने-ले जाने के लिए विनसम स्कूल प्रबंधन द्वारा दो बसों की व्यवस्था की गई है. जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि श्रीगंगानगर रोड़ पर झुग्गी-झौंपड़ियों में रहने वाले परिवारों को चकगर्बी में शिफ्ट करने के बाद इन बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ना सबसे बड़ी प्राथमिकता थी. इसके मद्देनजर बाल अधिकारिता विभाग की सहायक निदेशक कविता स्वामी के नेतृत्व में यहां सर्वे करवाया गया और स्कूल जाने वाले एवं अब तक नहीं पढ़ पाने वाले बच्चों की जानकारी हासिल की गई. जिसके आधार पर पहले चरण में 51 बच्चों को कक्षा एक से लेकर पांचवीं तक में अस्थाई प्रवेश दिलवाय गया.
जिला कलक्टर ने बताया कि इन बच्चों के परिजनों के आधार सहित आवश्यक दस्तावेज नहीं होने के कारण इन्हें स्थाई प्रवेश नहीं दिलाया जा सका है. इसके मद्देनजर इसी सप्ताह विशेष अभियान चलाकर यह दस्तावेज बनवाए जाएंगे. इसके बाद सभी बच्चों को स्थाई प्रवेश दिला दिया जाएगा, इससे बच्चों को निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें एवे ड्रेस आदि भी मिल जाएंगे. वहीं भामाशाहों के सहयोग से स्कूल बैग की व्यवस्था करवाई जाएगी.
जिला कलक्टर ने बताया कि इन बच्चों को पूरे शैक्षणिक सत्र के दौरान इन बच्चों को चकगर्बी से स्कूल तक लाने-ले जाने के लिए दो बसें उपलब्ध करवाई गई हैं. प्रतिदिन यह बसें स्कूल समय से पूर्व चकगर्बी पहुंचेंगी तथा स्कूल समय के बाद वापस छोड़ेगी. बच्चों के परिजनों ने बताया कि इनमें से कुछ बच्चे पूर्व में स्कूल जाते थे, लेकिन चकगर्बी में शिफ्ट होने के बाद इनका स्कूल छूट गया था. वहीं बड़ी संख्या में बच्चे पहली बार स्कूल गए, ऐसे में इन बच्चों के चेहरे पर खुशी और परिजनों के चेहरे चमक देखी जा सकती थी.
परिजनों ने कहा कि जिला प्रशासन के प्रयासों से दीपावली के ठीक बाद मिला यह तोहफा बेहद खास था. इन प्रयासों से यह बच्चे भी पढ़ पाएंगे और आगे चलकर इनका जीवन स्तर सुधर सकेगा. उल्लेखनीय है कि भामाशाहों द्वारा इन बच्चों को स्पोर्ट्स शूज उपलब्ध करवाए गए थे, वहीं प्रशासनिक अधिकारियों ने स्वतंत्रता दिवस और दीपावली का त्यौहार भी इन बच्चों के साथ मनाया था.
Reporter - Raunak Vyas
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