Bundi News: कुवारती कृषि उपज मंडी में इन दिनों धान की बंपर आवक हो रही है. इस आवक को देखते हुए, जहां व्यापारियों के चेहरे खिले हुए हैं. वहीं, अव्यवस्थाओं से किसानों को परेशानी हो रही है.
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Bundi News, बूंदी: राजस्थान के बूंदी कृषि उपज मंडी में आढ़तिया संघ व्यापारियों और मंडी प्रशासन की घोर लापरवाही से किसानों को बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. किसान अपनी तैयार फसल को बेचने के लिए दो-दो दिन तक पांच 5 किलोमीटर लंबी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की लाइनों में रातें गुजार रहा है. वहीं, मंडी में 1000 हमाल है और 300 से अधिक व्यापारी हैं, उसके बाद भी किसान दर-दर की ठोकरें खा रहा है.
शहर के निकट कुवारती कृषि उपज मंडी में इन दिनों धान की बंपर आवक हो रही है. इस आवक को देखते हुए, जहां व्यापारियों के चेहरे खिले हुए हैं. वहीं, अव्यवस्थाओं से किसानों को परेशानी हो रही है.
समय पर मंडी यार्ड में माल का उठान नहीं हो रहा, जिससे किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली सहित कतारों में खड़े नजर आ रहे हैं. व्यापारियों की घोर लापरवाही के चलते मंडी प्रशासन भी इसमें मिला हुआ है. जिला प्रशासन द्वारा कई बार सभी को फटकार लगाने के बाद भी वैकल्पिक व्यवस्था नहीं हो पा रही है. दूरदराज से हजारों किसान प्रतिदिन सर्द रातों में सड़कों पर गुजारने में मजबूर हैं.
राज्य सरकार द्वारा किसानों को राहत देने के लिए पुरानी मंडी को बंद करके कुंवारती कृषि उपज मंडी में 400 बीघा जमीन पर विशाल यार्ड बनाकर किसानों को माल तुलाई के लिए जगह उपलब्ध कराई थी, लेकिन व्यापारियों की लापरवाही के चलते यहां भी वही हालात सूरते नजर नहीं आ रहे हैं. किसान आज भी उतना ही परेशान है, जितना पिछले सालों में रहता था. मंडी में आढ़तिया संग और मंडी प्रशासन की घोर लापरवाही के चलते यह हालात बने हुए हैं. व्यापारी माल उठान का काम समय पर नहीं करते, जिससे किसान कतारों में खड़े नजर आ रहे हैं.
जिले में अधिकांश कारोबार कृषि आधारित हैं. किसान उसी से अपनी रोजी-रोटी चलाता है, यहां धान की बंपर आवक होने पर किसान समय पर उसे बेचने मंडी में आता है लेकिन अव्यवस्थाओं के चलते अब किसानों का रुझान बूंदी मंडी से हटने लगा है. बूंदी मंडी में करीब 1लाख से 2 लाख बोरी धान की आवक प्रतिदिन हो रही है. ऐसे में व्यापारी अपनी मनमर्जी के चलते किसानों का माल खरीद रहे हैं. किसानों को जहां राज्य और केंद्र सरकार राहत देती है. जिला प्रशासन भी समय-समय पर किसानों के लिए राहत देने की कोशिश करता है, लेकिन वह ऊंट के मुंह में जीरा कहावत साबित हो रहा है.
Reporter- Sandeep Vyas