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Chittorgarh news: चाइल्डलाइन के कमर्चारी से रिश्वत लेते रंगे हाथों एसीबी के हत्थे चढ़े एनजीओ संचालक भोजराज सिंह के परत दर परत काले कारनामे उजागर होने लगे है. चित्तौड़गढ़ एसीबी की प्रारंभिक पड़ताल में पता चला कि आसरा विकास संस्थान का संस्थापक मेंबर भोजराज सिंह चाइल्डलाइन में काम करने वाले कर्मचारियों की सरकारी रिकॉर्ड में एक से डेढ़ महीने की फर्जी नियुक्ति दिखा कर वेतन हड़प कर चुका था. वहीं कर्मचारियों को वेतन दिलवाने की एवज में उनके वेतन से 25 फीसदी अवैध वसूली करता था.
एंटी करप्शन ब्यूरो चित्तौड़गढ़ के एडिशनल एसपी कैलाश सिंह सांदू ने बताया कि संचलाक के ट्रेप होने की जानकारी मिलने के बाद उसके अधीन चाइल्डलाइन में काम करने वाले कई कर्मचारी उसके खिलाफ शिकायत लेकर एसीबी कार्यालय पहुंचे. शिकायत पर संज्ञान लेकर तफ्तीश की जा रही है. ट्रेप हुए एनजीओ संचालक भोजराज को उदयपुर एसीबी कोर्ट में पेश कर एक दिन का रिमांड लिया जाएगा और मामले में पूछताछ की जाएगी. फिलहाल उसके चित्तौड़गढ़ सेथी स्थित घर पर चल रहे संस्था के ऑफिस की तलाशी में कुछ अहम दस्तावेज बरामद किए है. बाकी संस्था के उदयपुर स्थित आवास पर एसीबी टीम जाकर पड़ताल करेगी.
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जानकारी में सामने आया है कि आसरा विकास संस्था सरकार से लाखों रुपए लेकर चित्तौड़गढ़ में चाइल्डलाइन का संचालन करती थी. आउटसोर्सिंग के तौर पर चाइल्डलाइन में चार पुरुष और तीन महिलाएं भोजराज सिंह के अधीन काम कर रही थी. जो बाल अपराध संबंधित.मामलों में शिकायत मिलने पर मौके पर जाकर कार्रवाई करती थी. चाइल्डलाइन में काम करने वाले कुछ कर्मचारियों को 7 से 8 महीने वेतन नही मिला, तो कुछ का एक-एक साल का वेतन बकाया चल रहा था.
इन्हीं में से एक कर्मचारी गोपाल चावला के पिछले करीब 7-8 महीने का वेतन दिलवाने की एवज में उसके सीनियर भोजराज सिंह ने उसे गत दो महीने की सेलरी 8-8 हजार यानी कुल 16 हजार रुपए का चेक बना कर दिया था. चेक पास होने के बाद पुराने अस्पताल की बिल्डिंग में संचालित चाइल्डलाइन के ऑफिस में गोपाल चावला से यही 16 हजार रुपए बतौर रिश्वत लेते भोजराज सिंह को चित्तौड़गढ़ एसीबी ने रंगेहाथों दबोच लिया था.