दौसा: सूखाग्रस्त जिले को मिली बड़ी राहत, कई बांधों में सालों बाद आया पानी
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दौसा: सूखाग्रस्त जिले को मिली बड़ी राहत, कई बांधों में सालों बाद आया पानी

राजस्थान पानी की मार झेल रहा है, फिर वह पेयजल हो या सिंचाई का, लेकिन इस बार इंद्रदेव प्रदेश पर इतने मेहरबान हुए की कई जिलों में तो बारिश ने आपदा का रूप ले लिया है.

सूखाग्रस्त जिले को मिली बड़ी राहत

Dausa: पिछले लंबे अरसे से राजस्थान पानी की मार झेल रहा है, फिर वह पेयजल हो या सिंचाई का, लेकिन इस बार इंद्रदेव प्रदेश पर इतने मेहरबान हुए की कई जिलों में तो बारिश ने आपदा का रूप ले लिया है, जिसके चलते वहां एसडीआरएफ एनडीआरएफ सिविल डिफेंस सहित सेना ने भी मोर्चा संभाल रखा है. वहीं दौसा जिले में भी पूर्व के मुकाबले अगस्त माह तक औसत से अधिक बारिश दर्ज की गई है. जिले के छोटे बड़े सभी बांधों में पानी की आवक हो रही है तो वहीं कई बांध ऐसे हैं जिनमें कई सालों बाद बारिश के पानी की आवक हुई है.

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दौसा जिला पिछले काफी समय से डार्क जोन घोषित है और यहां सिंचाई तो दूर की बात पेयजल का पानी भी बमुश्किल उपलब्ध होता है, ऐसे में इस बार इंद्रदेव मेहरबान हुए तो लोगों को बड़ी राहत मिली जिले में 2021 में अगस्त माह तक 473 एमएम बारिश दर्ज की गई थी, लेकिन इस बार 608 एमएम बारिश दर्ज की गई है. यानी औसत से अधिक बारिश अब तक हो चुकी है और जल संसाधन विभाग 30 सितंबर तक बारिश का दौर मानता ऐसे में उम्मीद लगाई जा रही है. जिले में अभी बारिश और होगी, जिसके चलते बांधों में भी पानी की आवक अधिक होगी.

दौसा जल संसाधन विभाग के अधिशासी अभियंता के एल मीणा का कहना है कि मोरेल डैम में 21 फीट से अधिक पानी आ चुका है तो वहीं जिले के माधो सागर बांध में भी कई सालों बाद 8 फीट से अधिक पानी की आवक हो चुकी है. वहीं जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में बने छोटे बड़े सभी बांधों में पानी की आवक हुई है जिले में जल संसाधन विभाग के अधीन 18 बड़े बांध है जिनमें सभी में बारिश के पानी की आवक हुई है.

वहीं दौसा के सिकराय से विधायक और राजस्थान सरकार में महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने भी इस बार जिले में हुई बारिश को लेकर खुशी व्यक्त की है. मंत्री ममता भूपेश ने कहा कि जिले में पेयजल और सिंचाई की किल्लत बनी रहती है, ऐसे में कुदरत ने जो राहत दी है, उससे भूजल स्तर बढ़ेगा. लोगों की पेयजल समस्या दूर होगी तो वहीं किसानों को भी सिंचाई के लिए पानी मिलेगा. 

साथ ही मंत्री ममता भूपेश ने भारत सरकार से एक बार फिर ईआरसीपी को लेकर मांग की कहा केंद्र 13 जिलों की जीवनदायिनी योजना ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करें, तो प्रदेश की जनता को राहत मिल सकती है. वहीं इस बार हुई बारिश को लेकर किसान भी खुशी व्यक्त कर रहे हैं. किसानों को उम्मीद है कि बारिश होने से पैदावार अच्छी होगी और गुणवत्ता पूर्ण पैदावार होने से उन्हें दाम भी अच्छे मिलेंगे.

Reporter: Laxmi Sharma

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