डूंगरपुर जिले में जनजाति वर्ग के लघु सीमांत किसानो को राज्य सरकार ने बड़ी राहत दी है. राज्य सरकार की ओर से कृषि विभाग के माध्यम से जनजाति वर्ग के लघु सीमांत किसानो को खरीफ की बुवाई के लिए एक वर्ष बाद फिर से निशुल्क मक्का बीज के मिनीकिट का वितरण किया जाएगा.
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Dungarpur: डूंगरपुर जिले में जनजाति वर्ग के लघु सीमांत किसानो को राज्य सरकार ने बड़ी राहत दी है. राज्य सरकार की ओर से कृषि विभाग के माध्यम से जनजाति वर्ग के लघु सीमांत किसानो को खरीफ की बुवाई के लिए एक वर्ष बाद फिर से निशुल्क मक्का बीज के मिनीकिट का वितरण किया जाएगा.
सरकार के इस निर्णय से डूंगरपुर जिले के 2 लाख 9 हजार 400 एसटी लघु सीमांत किसानो को लाभ मिलेगा. डूंगरपुर जिले के कृषि विभाग के उप निदेशक गौरी शंकर कटारा ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से डूंगरपुर जिले के एसटी लघु सीमांत किसानो को प्रतिवर्ष हाइब्रिड मक्का बीज के 5 किलो का मिनीकिट निशुल्क दिया जाता है.
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पिछले वर्ष कुछ कारणों से ये मिनीकिट किसानो को नहीं मिल पाए थे, लेकिन इस वर्ष राज्य सरकार ने किसानो को बड़ी राहत दी है. कृषि विभाग के उप निदेशक गौरी शंकर कटारा ने बताया कि सरकार ने डूंगरपुर जिले के जनजाति वर्ग के लघु सीमांत किसानों को मक्का बीज के मिनीकिट वितरण करने का निर्णय लिया है. उन्होंने बताया कि जून माह में मानसून आने से पहले एसटी लघु सीमांत किसानों को ये मिनीकिट का वितरण निशुल्क किया जाएगा. उन्होंने बताया कि डूंगरपुर जिले में वर्तमान में 2 लाख 9 हजार 400 एसटी लघु सीमांत किसान है और इन किसानों को सरकार की इस योजना से लाभान्वित किया जाएगा.
इस ब्लाक में इतने किसानों को मिलेगा लाभ
ब्लाक संख्या
डूंगरपुर 20837
बिछीवाडा 32308
दोवडा 18700
झोथरी 23330
सीमलवाडा 24531
चिखली 22571
गलियाकोट 13413
सागवाडा 28010
आसपुर 8500
साबला 17200
कुल 209400
ये रहेगी प्रक्रिया
कृषि विभाग के उप निदेशक गौरी शंकर कटारा ने बताया की इन मिनीकिट की आपूर्ति राजस्थान राज्य बीज निगम द्वारा की जाएगी. प्रत्येक बीज मिनिकिट पांच किलोग्राम का होगा, जिसका वितरण कृषकों को ग्राम पंचायत के सरपंच, ग्राम सेवा सहकारी समिति, लेम्पस के व्यवस्थापक व कृषि पर्यवेक्षण की कमेटी के द्वारा किया जाएगा. उन्होंने बताया कि किसानों को मिनिकिट का वितरण जन-आधार कार्ड के द्वारा राज किसान साथी पोर्टल के माध्यम से ही जाएगा. इसके लिए जनआधार कार्ड के पंजीकृत मोबाईल पर ओटीपी प्राप्त होने पर ही सत्यापन किया जा सकेगा, कृषक को सत्यापन होने के उपरान्त ही मिनिकिट उपलब्ध कराया जाएगा.
Reporter- Akhilesh Sharma
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