Dungarpur news: डूंगरपुर जिले के सागवाडा आसपुर व साबला उपखंड क्षेत्र में क्वार्ट्ज पत्थर के खनन में गजब का खेल चल रहा है. तीनो उपखंड क्षेत्र के कई गाँवों में खनन माफिया क्वार्ट्ज पत्थर का अवैध खनन कर रहे है . वही सब कुछ पता होते हुए भी खनन, राजस्व व पुलिस विभाग सब मामले में चुप्पी साधे हुए है.
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Dungarpur news: जिले में विशेष रूप से सागवाड़ा उपखंड क्षेत्र के कराड़ा, पाडवा, केसरपुरा सहित आसपुर उपखंड में मिलाकर 45 लीज की माइंस है. वही पूंजपुर, कातिसौर, सरोदा, निठाउवा, साबला, दोवड़ा, भासोर सहित इसी क्षेत्र के करीब दो दर्जन गावों में खनन माफिया अपनी लीज वाली माइंस की जमीन के अलावा आसपास के बंजर पड़े स्थानीय लोगो की खातेदारी या कब्जे की जमीन पर बने खेतो को समतल करने की एवज में एक मोटी रकम किसानों को थमाकर उनमें बेतहाशा क्वार्ट्ज पत्थर का अवैध खनन कर रहे है. इसकी वजह एक सरकारी फरमान है जिसमे साफ है कि एक हेक्टेयर से कम की जमीन पर लीज आवंटित नहीं की जा सकेगी.
कांच और टाईल्स फैक्ट्री में उपयोगी है स्नो वाईट क्वार्ट्स
डूंगरपुर में क्वार्ट्स पत्थर स्नो वाइट कहलाता है. जो सी ग्रेड का पत्थर होता है. इस पत्थर का सबसे ज्यादा उपयोग कांच बनाने और टाइल्स फैक्ट्री में हो रहा है. जहां पर उत्पाद की चमक बढ़ाने, शुद्धता लाने और पत्थर से शाइनिंग के क्रिस्टल होने से लाभकारी होता है. इसके अलावा कलर फैक्ट्री में इसका सबसे ज्यादा उपयोग हो रहा है.
अवैध को कर रहे अब वैध
इधर क्वार्ट्ज पत्थर का अवैध खनन करने वाले खनन माफियाओ ने क्वार्ट्ज पत्थर का अवैध परिवहन गुजरात तक करने के दौरान किसी कार्रवाई से बचने के लिए नया रास्ता निकाला है | खनन माफिया आसपुर व साबला उपखंड क्षेत्र के मलापा, काब्जा, बोडिगामा, बड़ा छोटा, झरियाणा आदि गांवो की खातेदारी भूमि से क्वार्ट्ज के अवैध खनन कर पत्थरो को संग्रहित करते है | वही इन पत्थरों का संग्रह करके उन्हें उस क्षेत्र में लीजधारी ठेकेदारों से मिलकर अवेध निकाले गए क्वार्ट्ज पत्थरों को उनके माइन्स में पहुंचाकर उन्हें वैध कर रहे है और अपनी जेबे भर रहे है.
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कार्रवाई का आंकड़ा दिखा रह खनिज विभाग
खनन विभाग का दावा है की वो क्वार्ट्ज पत्थर के अवैध खनन पर नकेल कसने के लिए लगातार छापेमारिया भी कर रहा है. अब तक विभाग ने पिछले साल में 29 कारवाई की है. 4 अवैध परिवहन के कैसे बनाए है और 3 केस अवैध स्टॉक के कैसे बनाए है. ऐसे में कुल 36 कारवाई अब तक पिछले साल में विभाग की और 40 लाख 50 हजार रुपए का जुर्माना वसूला है. साथ अवैध खनन को लेकर 7 पुलिस एफआईआर भी दर्ज करवाई गई हैं .
खनन विभाग के एमई नरेंद्र खटिक ने बताया कि जो लोग जानबूझकर अपनी खातेदारी जमीन में अवैध खनन करवा रहे है, नियमानुसार उनका खातेदारी हक समाप्त करने के लिए खनन विभाग राजस्व विभाग को लगातार पत्र लिख रहा है लेकिन मिलीभगत के चलते तहसीलदार और एसडीओ कोई भी कारवाई नही कर रहे. जबकि अवैध खनन को वे स्वयं स्वीकार कर रहे है.
बहरहाल डूंगरपुर जिले के स्थानीय निवासियों की खराब माली हालत के कारण वे खनिज संपदा की माइनिंग लीज लेने में सक्षम नही है और इसी का फायदा खनिज, राजस्व पुलिस और वन विभाग की शह के चलते बाहरी माफिया अवैध खनन से ले रहे है. खनन माफिया की तिजोरियां भर रही है तो वागड़ की जमीन खोकली होती जा रही है वही यहां के लोगो की आर्थिक स्थिति भी जस की तस बनी है.