Jaipur News : सीजे पंकज मित्थल ने विधिक सेवा दिवस के मौके पर कहा कि पानी पर किसी एक जाति का नहीं बल्कि सभी का हक है.
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Jaipur News : राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से विधिक सेवा दिवस के मौके पर अस्पृश्यता समाप्त करने के लिए अभियान की शुरुआत हई. समाज से छुआछूत खत्म करने और पॉक्सो मामलों के पीड़ितों को निशुल्क विधिक सेवा व विधिक सहायता उपलब्ध करवाने के उद्देश्य को लेकर इस अभियान की शुरूआत ओटीएस सभागार में हुई. इस मौके पर आयोजित समारोह में मुख्य न्यायाधीश पंकज मित्थल, जस्टिस प्रकाश गुप्ता और जस्टिस पंकज भंडारी ने उपस्थित रहे.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीजे पंकज मित्थल ने कहा कि आज अस्पृश्यता और पॉक्सो को लेकर ध्यान देना जरूरी है. कुछ सपने बच्चों के होते हैं और इसी दिशा में हमें प्रयास करना होगा. इसलिए आवश्यक है कि विधिक जागरूकता घर घर पहुंचे. मित्थल ने महात्मा गांधी को पंक्तियों को याद कर कहा कि गांधी ने अनटचेबल क़ो लेकर बीड़ा उठाया था और ऐसे लोगों को हरिजन की संज्ञा दी थी. वहीं उन्होंने कहा कि बचपन में मैने मुंशी प्रेमचंद ठाकुर की कहानी पढ़ी थी. जिसमें बताया गया था कि एक पिछड़ी जाति के व्यक्ति के ठाकुर के कुएं पर पानी पीने पर क्या दुर्दशा होती है. यह कहानी छुआछूत को इंगित करती है. जबकि पानी पर किसी एक का नहीं है, सभी का हक हैं. पोस्टर और प्रचार से ही सिर्फ पॉस्को के मामले दूर नहीं होंगे. बच्चों के लिए अच्छे चरित्र का निर्माण करना होगा. इससे अच्छे व्यक्ति और अच्छे नागरिक का निर्माण होगा तो राष्ट्र का निर्माण भी दूर नहीं हैं.
पुलिस का रोल अच्छा नहीं
कार्यक्रम की संबोधित करते हुए जस्टिस पंकज भंडारी ने कहा कि जातिगत दीवार समाज से खत्म नहीं हुई हैं. उन्होंने पॉक्सो के मामलों को लेकर पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए. भंडारी ने कहा कि छोटी बालिकाओं के लापता होने पर पुलिस का रोल अच्छा नहीं होता है. पुलिस पॉक्सो एक्ट के बजाए सिर्फ अपहरण का मुकदमा दर्ज करती है. इसके लिए सभी डिस्ट्रिक जज को जिला एसपी को बुलाना होगा और पॉक्सो की धाराओं में मुकदमा करने के लिए समझाना होगा. वहीं लीगल सर्विस में होने वाले खर्चों को लेकर भी जस्टिस भंडारी ने सवाल उठाए और कहा कि लीगल सर्विस में फालतु का खर्चा कम करना होगा. उन्होंने दिव्यांग बच्चों क़ो नुक्कड़ नाठक में शामिल करने का सुझाव भी दिया. जस्टिस भंडारी ने कहा कि मैं पास के ही एक गांव में रह रहा हूं. यहां जब कोई मुझे पानी पिला रहा होता है तो लोग कहते है कि साहब आप इसके हाथ का पानी पिएंगे, ऐसे में उन्हें समझाना पड़ता हैं की समाज में सब बराबर है. इसलिए हमें शिक्षा के माध्यम से समझाना होगा कि कोई ब्राह्मण नहीं है और कोई शूद्र नहीं है, समाज में सब बराबर हैं.
जस्टिस प्रकाश गुप्ता ने कहा कि समाज के कमजोर पिछड़े और वंचित वर्ग क़ो निशुल्क विधिक सेवा व विधिक सहायता करवाने का संविधान ने अधिकार दिए है. रालसा की ओर से समाज के गरीब वंचित पिछड़े वर्ग को विधिक सहायता क़ो लेकर प्रयास किए जा रहे हैं. आपसी सुलह से लाखों की संख्या में मामले सुलझाए गए हैं. आज से समाज के कमजोर, पिछड़े एवं वंचित वर्ग में जागरूकता पैदा करने एवं उनके सशक्तिकरण के लिए और बालकों के विरूद्ध लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 के प्रति बच्चों में जागरूकता उत्पन्न करने, उन्हें निःशुल्क विधिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए महाअभियान के शुरुआत हुई है. प्राधिकरण सदस्य सचिव दिनेश कुमार गुप्ता ने बताया कि कार्यक्रम में हाईकोर्ट न्यायाधीश, रालसा अधिकारी, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अधिकारी सहित अन्य अधिकारी शामिल रहे.
Reporter- Mahesh Pareek
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