मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाकर हर एक जिंदगी बचाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध हैं. सरकार संवेदनशीलता के साथ दुर्घटनाओं को रोकने के लिए लगातार कार्य कर रही हैं.
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Jaipur: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाकर हर एक जिंदगी बचाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध हैं. सरकार संवेदनशीलता के साथ दुर्घटनाओं को रोकने के लिए लगातार कार्य कर रही हैं. उन्होंने परिवहन, पुलिस और संबंधित विभागीय अधिकारियों को हरसंभव प्रयास करने के निर्देश दिए. उन्होंने अधिकारियों को कार्रवाई में लापरवाही नहीं बरतने और नियम विरुद्ध वाहन संचालन कराने वाले मालिकों और चालकों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए.
गहलोत मुख्यमंत्री निवास पर परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि 1 जुलाई से प्रदेश के सभी परिवहन कर संग्रहण केंद्र बंद हो जाएंगे. वाहनों के प्रदेश में आने और जाने से संबंधित कर (इंटर स्टेट टैक्स) ऑनलाइन ही जमा होंगे. इससे वाहन संचालकों को सहूलियत होगी. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के परिवहन नियमों की अवहेलना करने वाले वाहन चालकों पर कार्रवाई के लिए प्रदेश में अत्याधुनिक इंटरसेप्टर की संख्या बढ़ाई जा रही है. उन्होंने निर्देश दिए कि दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए जल्द ही स्टेट लेवल टास्क फोर्स का गठन किया जाए.
मुख्यमंत्री ने सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि परिवहन, पुलिस, सार्वजनिक निर्माण सहित अन्य संबंधित विभाग पूरे समन्वय के साथ कार्य करते हुए राजस्थान को सड़क सुरक्षा प्रबंधन में मॉडल स्टेट के रूप में स्थापित करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क हादसों को रोकने के लिए विभाग जल्द ही एक मास्टर प्लान बनाकर योजनाबद्ध तरीके से कार्य शुरू करें. नियमों का उल्लंघन करने वालों पर ऐसी सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, जिससे अन्य राज्यों से प्रदेश में आने वाले वाहन चालकों को भी नियमों की पालना करने का संदेश मिले.
उन्होंने बिना आईएसआई मार्क हेलमेट पहनने एवं ऐसे हेलमेट की बिक्री रोकने के लिए पुलिस व परिवहन विभाग को संयुक्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि फिटनेस, प्रदूषण जांच व आवश्यक दस्तावेजों के बिना ही चल रहे वाहनों के मालिकों पर सख्त कार्रवाई की जाए. वाहन चालकों को नियमित प्रशिक्षित कराने, आवश्यक स्वास्थ्य जांच कराने एवं निगरानी रखने के लिए वाहन मालिकों को जागरूक करें.
गहलोत ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभागीय अधिकारियों को सड़क दुर्घटना में घायलों का सरकारी व निजी अस्पतालों में निःशुल्क उपचार सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए जिला स्तर पर नियमित बैठकें आयोजित होनी चाहिए. उन्होंने दुर्घटनाओं में कमी लाने में नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों की भूमिका पर विचार करने के निर्देश दिए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मृत्यु में 82 प्रतिशत मृत्यु तेज गति से वाहन चलाने पर होती है. साथ ही नियमों का उल्लंघन करने से हर वर्ष हजारों नागरिक दुर्घटनाओं में मौत का शिकार हो जाते हैं. कई परिवार पूरी तरह बिखर जाते हैं. हमारा प्रयास हो कि राजस्थान में यह आंकड़ा न्यूनतम स्तर पर आए. संबंधित विभागीय अधिकारी संवेदनशीलता के साथ इन्हें रोकने के लिए कार्य करें. नागरिक स्वयं भी यातायात नियमों का पालन सुनिश्चित करें.
गहलोत ने कहा कि राजमार्गों की ऑडिट में सामने आए दुर्घटना संभावित ब्लैक स्पॉट्स को अभियान के रूप में सुधारा जाए. अनाधिकृत रोड कट को बंद करने के साथ ही समुचित रोड साइनेज, मार्किंग, लाइटिंग आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजमार्गों व मुख्य सड़कों पर ओवरस्पीड एवं ओवर लोड वाहनों से होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए इंटेलीजेंट टेªफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) जल्द लागू किया जाए. तकनीकी नवाचारों को बढ़ावा देकर यातायात प्रबंधन को हाईटेक करें, ताकि दुर्घटनाओं पर अंकुश लगे और जाम की स्थिति से बचा जा सके.
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