अपार है बिल्वपत्र की महिमा, इसकी जड़ों में है महादेव का वास, जानें कहानी
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अपार है बिल्वपत्र की महिमा, इसकी जड़ों में है महादेव का वास, जानें कहानी

Bilvapatra story: बिल्व पत्र के पूजन से सभी पापो का नाश होता है. बातें बिल्व वृक्ष की, बेलपत्र कहां से आया पार्वती की पौराणिक कथा बिल्वपत्र का महत्व बेलपत्र की कहानी.

शिव पूजा में बेल पत्र यानि बिल्‍व पत्रों को विशेष महत्‍व.

Sawan 2022: सावन, शिव रात्रि या साप्‍ताहिक सोमवार को शिव पूजा में भगवान महादेव की आराधना में बेल पत्र यानि बिल्‍व पत्रों को विशेष महत्‍व है. मान्‍यता है कि आस्‍था के साथ शिवलिंग पर सिर्फ बिल्‍व पत्र ही अर्पित किये जाएं तब भी भगवान भोले अपने भक्‍त की हर मनोकामना पूर्ण करते हैं. आचार्य राहुल वशिष्ठ के अनुसार बिल्व पत्र के वृक्ष को 'श्री वृक्ष' और 'शिवद्रुम' भी कहते हैं. बिल्वाष्टक और शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव को बेलपत्र अत्यंत प्रिय हैं. मान्यता है कि बेल पत्र के तीनों पत्ते त्रिनेत्रस्वरूप् भगवान शिव के तीनों नेत्रों को विशेष प्रिय हैं. बिल्व पत्र के पूजन से सभी पापो का नाश होता है. बातें बिल्व वृक्ष की, बेलपत्र कहां से आया पार्वती की पौराणिक कथा बिल्वपत्र का महत्व बेलपत्र की कहानी.

बेलपत्र की कहानी
स्कंद पुराण के अनुसार, एक बार माता पार्वती के पसीने की बूंद मंदराचल पर्वत पर गिर गई और उससे बेल का पेड़ निकल आया. चुंकि माता पार्वती के पसीने से बेल के पेड़ का उद्भव हुआ. अत: इसमें माता पार्वती के सभी रूप बसते हैं. वे पेड़ की जड़ में गिरिजा के स्वरूप में, इसके तनों में माहेश्वरी के स्वरूप में और शाखाओं में दक्षिणायनी और पत्तियों में पार्वती के रूप में रहती हैं.

फलों में कात्यायनी स्वरूप व फूलों में गौरी स्वरूप निवास करता है. इस सभी रूपों के अलावा, मां लक्ष्मी का रूप समस्त वृक्ष में निवास करता है. बेलपत्र में माता पार्वती का प्रतिबिंब होने के कारण इसे भगवान शिव पर चढ़ाया जाता है. भगवान शिव पर बेल पत्र चढ़ाने से वे प्रसन्न होते हैं और भक्त की मनोकामना पूर्ण करते हैं. जो व्यक्ति किसी तीर्थस्थान पर नहीं जा सकता है अगर वह श्रावण मास में बिल्व के पेड़ के मूल भाग की पूजा करके उसमें जल अर्पित करे तो उसे सभी तीर्थों के दर्शन का पुण्य मिलता है.

 बातें बिल्व वृक्ष की
1. बिल्व वृक्ष के आसपास सांप नहीं आते
2. अगर किसी की शव यात्रा बिल्व वृक्ष की छाया से होकर गुजरे तो उसका मोक्ष हो जाता है
3. वायुमंडल में व्याप्त अशुध्दियों को सोखने की क्षमता सबसे ज्यादा बिल्व वृक्ष में होती है
4. चार पांच छः या सात पत्तो वाले बिल्व पत्रक पाने वाला परम भाग्यशाली और शिव को अर्पण करने से अनंत गुना फल मिलता है
5. बेल वृक्ष को काटने से वंश का नाश होता है और बेल वृक्ष लगाने से वंश की वृद्धि होती है
6. सुबह शाम बेल वृक्ष के दर्शन मात्र से पापों का नाश होता है
7. बेल वृक्ष को सींचने से पितर तृप्त होते है
8. बेल वृक्ष और सफेद आक को जोड़े से लगाने पर अटूट लक्ष्मी की प्राप्ति होती है
9. बेल पत्र और ताम्र धातु के एक विशेष प्रयोग से ऋषि मुनि स्वर्ण धातु का उत्पादन करते थे.
10. जीवन में सिर्फ एक बार और वो भी यदि भूल से भी शिव लिंग पर बेल पत्र चढ़ा दिया हो तो भी उसके सारे पाप मुक्त हो जाते है
11. बेल वृक्ष का रोपण, पोषण और संवर्धन करने से महादेव से साक्षात्कार करने का अवश्य लाभ मिलता हैकृपया बिल्व पत्र का पेड़ जरूर लगाये

शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव को कौन सी चीज चढाने से मिलता है क्या फल
किसी भी देवी-देवता का पूजन करते वक्त उनको अनेक चीजेअर्पित की जाती है. प्रायः भगवन को अर्पित की जाने वाली हर चीज का फल अलग होता है. शिव पुराण में इस बात का वर्णन मिलता है की भगवन शिव को अर्पित करने वाली अलग-अलग चीजों का क्या फल होता है.

शिवपुराण के अनुसार जानिए कौन सा अनाज भगवान शिव को चढ़ाने से क्या फल मिलता है
1. भगवान शिव को चावल चढ़ाने से धन की प्राप्ति होती है
2. तिल चढ़ाने से पापों का नाश हो जाता है
3. जौ अर्पित करने से सुख में वृद्धि होती है
4. गेहूं चढ़ाने से संतान वृद्धि होती है. यह सभी अन्न भगवान को अर्पण करने के बाद गरीबों में वितरीत कर देना चाहिए

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शिव पुराण के अनुसार जानिए भगवान शिव को कौन सा रस (द्रव्य) चढ़ाने से उसका क्या फल मिलता है
1. ज्वर (बुखार) होने पर भगवान शिव को जलधारा चढ़ाने से शीघ्र लाभ मिलता है. सुख व संतान की वृद्धि के लिए भी जलधारा द्वारा शिव की पूजा उत्तम बताई गई है
2. नपुंसक व्यक्ति अगर शुद्ध घी से भगवान शिव का अभिषेक करे, ब्राह्मणों को भोजन कराए तथा सोमवार का व्रत करे तो उसकी समस्या का निदान संभव है
3. तेज दिमाग के लिए शक्कर मिश्रित दूध भगवान शिव को चढ़ाएं
4. सुगंधित तेल से भगवान शिव का अभिषेक करने पर समृद्धि में वृद्धि होती है
5. शिवलिंग पर ईख (गन्ना) का रस चढ़ाया जाए तो सभी आनंदों की प्राप्ति होती है
6. शिव को गंगाजल चढ़ाने से भोग व मोक्ष दोनों की प्राप्ति होती है
7. मधु (शहद) से भगवान शिव का अभिषेक करने से राजयक्ष्मा (टीबी) रोग में आराम मिलता है

शिव पुराण के अनुसार जानिए भगवान शिव को कौन का फूल चढ़ाया जाए तो उसका क्या फल मिलता है
1. लाल व सफेद आंकड़े के फूल से भगवान शिव का पूजन करने पर भोग व मोक्ष की प्राप्ति होती है
2. चमेली के फूल से पूजन करने पर वाहन सुख मिलता है
3. अलसी के फूलों से शिव का पूजन करने से मनुष्य भगवान विष्णु को प्रिय होता है
4. शमी पत्रों (पत्तों) से पूजन करने पर मोक्ष प्राप्त होता है
5. बेला के फूल से पूजन करने पर सुंदर और सुशील पत्नी मिलती है
6. जूही के फूल से शिव का पूजन करें तो घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती
7. कनेर के फूलों से शिव पूजन करने से नए वस्त्र मिलते हैं
8. हरसिंगार के फूलों से पूजन करने पर सुख-सम्पत्ति में वृद्धि होती है
9. धतूरे के फूल से पूजन करने पर भगवान शंकर सुयोग्य पुत्र प्रदान करते हैं, जो कुल का नाम रोशन करता है
10. लाल डंठलवाला धतूरा पूजन में शुभ माना गया है
11. दूर्वा से पूजन करने पर आयु बढ़ती है

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