Jaipur: राजस्थान HC ने एक मामले की सूनवाई करते हुए आदेश दिया कि केवल वाहन चालक के खिलाफ चालान पेश करना ही मोटर एक्सीडेंट का प्रमाण नहीं है.
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Jaipur: एमएसीटी मामलों की विशेष अदालत ने एक मामले में कहा कि वाहन चालक के खिलाफ केवल चालान पेश करना ही एक्सीडेंट का प्रमाण नहीं है. वहीं चालान के आधार पर चालक की लापरवाही को भी सत्यापित नहीं किया जा सकता. अधिकरण ने यह आदेश दी न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी व अन्य के खिलाफ ममता देवी व अन्य की 3.37 करोड़ रुपए की क्लेम याचिका खारिज करते हुए दिया.
बीमा कंपनी की ओर से कहा गया कि मामले में प्रार्थी पक्ष यह साबित नहीं कर पाया कि कार चालक शिवचरण के असावधानी व लापरवाही से वाहन चलाकर एक्सीडेंट करने से तेजप्रताप सिंह की मृत्यु हुई है. वहीं मामले में एक्सीडेंट की रिपोर्ट देरी से दर्ज कराने का भी कोई उचित कारण नहीं दिया. दरअसल क्लेम याचिका में कहा था कि 12 अक्टूबर 2009 को तेजप्रताप सिंह एसएमएस अस्पताल में भर्ती भाई से मिलकर मोटरसाइकिल से मॉडल टाउन अपने घर जा रहा था. उसी दौरान शाम 7.45 बजे जेएलएन मार्ग पर गांधी सर्किल के पास एक कार ने पीछे से आकर उसके टक्कर मारी.
इससे तेज प्रताप के सिर व अन्य जगहों पर गंभीर चोटें आई. इलाज के दौरान तेजप्रताप सिंह की 14 अक्टूबर 2009 को मौत हो गई. उसके आश्रितों ने बीमा कंपनी सहित वाहन चालक व स्वामी के खिलाफ याचिका दायर कर एक्सीडेंट क्लेम दिलवाए जाने का आग्रह किया, लेकिन बीमित वाहन से एक्सीडेंट होना साबित नहीं होने व एक्सीडेंट की रिपोर्ट देरी से दर्ज कराए जाने का उचित कारण नहीं देने के कारण अधिकरण ने क्लेम याचिका खारिज कर दी.
Reporter- Mahesh Pareek
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