Jaipur Gas Blast: भांकरोटा अग्निकांड में मौत का बंवडर देखने को मिला है. एलपीजी टैंकर का ट्रक घुमाव के दौरान दुर्घटना होने से भीषण हादसा हुआ. टक्कर इतनी भयानक थी एलपीजी टैंकर ब्लास्ट हो गया. जहां जहां LPG गैस पहुंची वहीं चलते वाहन बंद हो गए और वाहनों के साथ वहां के लोग भी आग की चपेट में आ गए. इस दर्दनाक हादसे में कई लोगो की मौत हुई तो कई लोग मौके पर ही खाक हो गए.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक 13 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है और 45 लोग इस हादसे से प्रभावित हुए हैं. 34 वाहन जलकर नष्ट हो गए हैं. मौजूदा स्थिति में SMS अस्पताल के बर्न वार्ड में 3 गंभीर मरीज वेंटिलेटर पर हैं और 23 अन्य आईसीयू में भर्ती हैं. 60 प्रतिशत से अधिक झुलसे मरीजों के उपचार के लिए डॉक्टरों की टीम आधुनिक तकनीकों और दवाओं का उपयोग कर रही है. पेंटाग्लोबिन इंजेक्शन, कोलेजन ड्रेसिंग और मेपिलैक्स जैसी एडवांस बर्न ड्रेसिंग से इलाज किया जा रहा है.
भांकरोटा अग्निकांड में ट्रक चालक युसूफ का शरीर 90 प्रतिशत जल गया, युसूफ अपना ट्रक लेकर भीलवाड़ा से जयपुर की और आ रहे थे. इसी दौरान अचानक दुर्घटना हुई और युसूफ का ट्रक आग की लपटों में घिर गया,अब अस्पताल में युसूफ जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा है. उसकी तीन बेटियां और तीन बेटे इस दर्दनाक सच्चाई से अनजान हैं. पिछले दो दिनों से यूसुफ का भाई परिवार को झूठी सांत्वना देता आ रहा है कि उसकी हालत में सुधार हो रहा है, लेकिन डॉक्टरों के अनुसार यूसुफ की स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है.
भांकरोटा, जयपुर में हुए भीषण अग्निकांड ने यूपी निवासी नरेश और उनके परिवार की जिंदगी को गहरे दर्द में डाल दिया. महापुरा से कोरियर का माल लेकर जा रहे ट्रक ड्राइवर नरेश इस हादसे में 80 प्रतिशत झुलस गए. उनका SMS अस्पताल के बर्न वार्ड में इलाज चल रहा है. नरेश की दो मासूम बेटियां, दो 3 साल की और 1 साल की हैं, जो इस त्रासदी से अनजान हैं.अस्पताल में नरेश की देखभाल में उनके भाई हैं, UP में रहने वाले नरेश के अंधे पिता को संभालना मुश्किल हो रहा है. पिता बार-बार फोन कर जयपुर जाने की जिद कर रहे हैं, क्योंकि वह अपने बेटे को देखने की आस छोड़ नहीं पा रहे. नरेश का परिवार इस हादसे से टूट चुका है. यह घटना उनके लिए एक ऐसा घाव बन गई है, जो शायद कभी नहीं भर पाएगा. पिता, बेटियां और भाई सभी एक अनिश्चित भविष्य के सामने खड़े हैं.
भीलवाड़ा के दिव्यांग बंसीलाल का परिवार गहरे संकट से गुजर रहा है. 2 महीने पहले उनके 2 साल के बेटे की बीमारी से मौत हो गई थी और अब बंसीलाल भांकरोटा अग्निकांड में 65 प्रतिशत जलने से जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं. बंसीलाल ट्रक में बैठकर जयपुर आ रहे थे, तभी यह हादसा हुआ. गंभीर रूप से झुलसे बंसीलाल को बर्न वार्ड में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है. उनका परिवार अस्पताल के बाहर भगवान से उनकी सलामती की दुआ मांग रहा है. इस दर्दनाक घटना ने पहले से शोक संतप्त परिवार को और अधिक परेशान कर दिया है. बंसीलाल के इलाज के लिए परिवार को आर्थिक और मानसिक सहायता की सख्त जरूरत है.
उदयपुर की 23 वर्षीय विजिता, भांकरोटा में हुए भीषण अग्निकांड के कारण SMS अस्पताल के बर्न वार्ड में वेंटिलेटर पर जिंदगी की जंग लड़ रही है. 70 प्रतिशत झुलसी विजिता जयपुर में बीएड की पढ़ाई कर रही थी और परीक्षा देने आई थी. बस से उतरते समय आग की लपटों ने उसे चपेट में ले लिया. घटना के बाद राहगीरों ने परिजनों को सूचना दी, जिसे पहले फर्जी समझा गया. बाद में विजिता ने खुद अपने भाई को फोन किया. भाई श्रीमाधोपुर से जयपुर पहुंचा. माँ-पिता सदमे में हैं और बेटी के ठीक होने की दुआ कर रहे हैं. विजिता ने घटना से पहले अपनी माँ को कॉल कर सुरक्षित पहुँचने की जानकारी दी थी.
नरेश की बहन ने बताया मेरा इकलौता भाई है. जयपुर में चिकित्सा विभाग में नर्सिंग के नौकरी के लिए डॉक्यूमेंट्स वेरिफाई के लिए आए थे. खास चिकित्सा विभाग वाले उदयपुर में ही कमेटी बना देते तो ऐसे हादसे में कई लोगो की जान बच जाती. यह त्रासदी न केवल इनके परिवार बल्कि पूरे प्रदेश के लिए झकझोर देने वाली घटना बन गई है. हर कोई इस असहनीय पीड़ा में परिवार के लिए दुआ कर रहा है, लेकिन उनके दिलों में डर और निराशा गहराई तक घर कर चुकी है.