जयपुर: प्राइवेट स्कूल में बेटे, सरकारी में बेटियां, क्या शिक्षा में हो रहा भेदभाव ?
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जयपुर: प्राइवेट स्कूल में बेटे, सरकारी में बेटियां, क्या शिक्षा में हो रहा भेदभाव ?

rajasthan education: सरकारी स्कूलों में बालकों की अपेक्षा बालिकाओं की संख्या अधिक है, जबकि निजी स्कूलों में बालिकाओं की संख्या कम और बालकों की संख्या अधिक है. अधिकांश परिजनों की धारणा लड़कों को निजी और अच्छी स्कूलों में पढ़ाने की बनती जा रही है, तो बालिकाओं को सरकारी स्कूलों में पढ़ाने की बनी हुई है.

जयपुर: प्राइवेट स्कूल में बेटे, सरकारी में बेटियां, क्या शिक्षा में हो रहा भेदभाव ?

Rajasthan Education: देश-प्रदेश और गांव-ढाणी तक लिंगानुपात में बालिकाओं की संख्या बालकों से कम है. सरकार भी लिंगानुपात को बराबर में लाने के लिए पीसीपीएनडीटी एक्ट सहित कई प्रयास कर चुकी है, लेकिन बालिकाओं की संख्या में बढ़ोतरी नहीं रही है. यह आकड़ा सरकारी स्कूलों में उल्टा है. सरकारी स्कूलों में बालकों की अपेक्षा बालिकाओं की संख्या अधिक है, जबकि निजी स्कूलों में बालिकाओं की संख्या कम और बालकों की संख्या अधिक है.

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निजी स्कूलों में बालिकाओं की संख्या कम

अधिकांश परिजनों की धारणा लड़कों को निजी और अच्छी स्कूलों में पढ़ाने की बनती जा रही है, तो बालिकाओं को सरकारी स्कूलों में पढ़ाने की बनी हुई है. यही कारण है कि शिक्षा विभाग के बस्सी ब्लॉक सरकारी स्कलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों में 46.73 प्रतिशत बालक तो 53.27 प्रतिशत बालिकाएं अध्ययन कर रही हैं.

जबकि निजी स्कूलों में बालिकाओं की संख्या कम बालकों की संख्या अधिक है. शिक्षा विभाग के शाला दर्पण से मिली जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग के बस्सी ब्लॉक में सरकारी स्कूलों में 23749 विद्यर्थी अध्ययन कर रहे है, जिनमें से 11098 बालक व 12 हजार 651 बालिकाएं अध्ययन कर रही है. यानि बालकों से बालिकाओं की संख्या 1553 अधिक है. बात यदि इस विद्यार्थियों के अध्ययन प्रतिशत की जाए तो कुल विद्यार्थियों का 46.73 प्रतिशत बालक तो 53.27 प्रतिशत बालिकाएं अध्ययन कर रही है यानि सरकारी स्कूलों में बालिकाओं की संख्या बालकों से 6.54 प्रतिशत बालिका है.

 

98 स्कूलों में बालिकाओं की संख्या बालकों से अधिक 

शिक्षा विभाग के बस्सी ब्लॉक में 158 सरकारी स्कूलें प्राथमिक से लेकर सीनियर उच्च माध्यमिक विद्यालय है. इनमें से 98 सरकारी स्कूलों में बालिकाओं की संख्या अधिक है. जबकि 50 सरकारी स्कूल ऐसे हैं, जिनमें बालकों की संख्या बालिकाओं से अधिक है, लेकिन बहुत ज्यादा अधिक नहीं है. हालांकि कई स्कूल ऐसे भी जिनमें बालक व बालिकाओं की संख्या बराबर भी है.

यदि सामान्य वर्ग की बात की जाए तो सामान्य वर्ग में बस्सी ब्लॉक में 1245 बालक तो 1486 बालिकाएं अध्ययन कर रहे हैं. इसी प्रकार इसी प्रकार अनुसूचित जन जाति वर्ग में 3094 बालक तो 3766 बालिकाएं अध्ययनरत है. इसी प्रकार अनुसूचित जाति वर्ग के 3818 बालक तो 4052 बालिकाएं अध्ययनरत है. इसी प्रकार एसबीसी 371 बालक व 419 बालिकाएं अध्ययनरत हैं. ओबीसी 2570 बालक व 2928 बालिकाएं अध्ययनरत है. सरकारी स्कूलों में सरकार ने बालिकाओं को सुविधाएं अधिक दे रखी है, ताकि अधिक से अधिक परिजन अपनी बालिकाओं को सरकारी स्कूलों में पढ़ा सकें.

Reporter- Amit Yadav

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