नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि जब सवाल नहीं पूछ सकते तो फिर ऐसे में कम होती हैं, सदन की बैठकों की अहमियत. राज्यपाल के सत्र आहूत करने का अधिकार भी सरकार ने छीन लिया है. साल 2020 में हुई राजनीतिक अस्थिरता के चलते यह सब हो रहा है.
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Jaipur: प्रदेश में विधानसभा सत्रावसान किए बिना ही, 19 सितंबर से अगली बैठक की तैयारी किए जाने को लेकर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने सवाल उठाए है. कटारिया कहा कि इस तरीके से सरकार अधिकारों का हनन कर रही है. उनहोंने पहले राज्यपाल और फिर विधायकों के अधिकारों के हनन का लगाया आरोप लगाते हुए कहा कि एक सत्र में विधायक 100 प्रश्न पूछ सकते हैं, लेकिन पिछले सत्र में कई सवाल पूछे जा सकें हैं. ऐसे में सत्रावसान नहीं होने पर विधायकों के सामने संकट आ गया है, अब विधायक अपने क्षेत्र से जुड़े ज्यादा सवाल नहीं पूछ सकेंगे.
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पिछले सत्र में 14 विधायक पूछ चुके हैं 90 से ज्यादा सवाल, अधिकांश विधायक कर चुके 70 से ज्यादा सवाल का कोटा पूरा, ऐसे में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि जब सवाल नहीं पूछ सकते तो फिर ऐसे में कम होती हैं, सदन की बैठकों की अहमियत. राज्यपाल के सत्र आहूत करने का अधिकार भी सरकार ने छीन लिया है. साल 2020 में हुई राजनीतिक अस्थिरता के चलते यह सब हो रहा है.
उन्हेंने कहा कि राज्यपाल को सरकार ने किया बाईपास कर दिया है. सरकार लगातार अपनी कुर्सी बचाने के लिए चिंतित और प्रयासरत है. जिसके चलते दो बार विधानसभा का सत्रावसान नहीं किया गया. जिससे सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल के पास फाइल नहीं भेजनी पड़े. कटारिया ने कहा कि आमतौर पर हम विधानसभा अध्यक्ष के फैसले पर नहीं जताते विरोध, लेकिन प्रश्न पूछने का अधिकार तो मिलना ही चाहिए.
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