नाहरगढ़ लॉयन सफारी में शेरनी सृष्टि 72 घंटे के बाद मिलने की सूचना पर वन विभाग ने राहत की सांस ली है. वन विभाग ने प्रेस नोट जारी कर शेरनी सृष्टि के मिलने की पुष्टि की. लेकिन वन विभाग ने शेरनी के सफारी में होने की कोई भी फोटो और वीडियों जारी नहीं करने पर सवाल उठ रहे हैं.
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Jaipur: नाहरगढ़ लॉयन सफारी में शेरनी सृष्टि 72 घंटे के बाद मिलने की सूचना पर वन विभाग ने राहत की सांस ली है. वन विभाग ने प्रेस नोट जारी कर शेरनी सृष्टि के मिलने की पुष्टि की. लेकिन वन विभाग ने शेरनी के सफारी में होने की कोई भी फोटो और वीडियों जारी नहीं करने पर सवाल उठ रहे हैं, जब वन विभाग प्रेस नोट जारी कर बता रहा है कि कैमरा ट्रेप में शेरनी सृष्टि के सफारी में होने की पुष्टि की जा रही है, तो मीडिया में फोटो या वीडियो मीडिया में क्यों नहीं जारी किया जा रहा है? अभी भी वन विभाग सवालों के घेरे में आ रहा है.
बता दें कि नाहरगढ लॉयन सफारी में अकेले शेरनी सृष्टि ही विचरण कर रही है. ऐसे में 48 घंटे एनक्लॉजर में शेरनी नहीं आने पर भी वन अधिकारियों ने गंभीरता से नहीं लिया. जब मीडिया में खबर आने के बाद वन विभाग हरकत में आया तो 40 वन अधिकारी और कर्मचारियों की संख्या में 9 टीमें बनाकर 9 गाड़ियों के माध्यम से 36 हेक्टयर में फैले लॉयन सफारी में तलाशना शुरू किया तो शेरनी कहीं भी नजर नहीं आने से वन कार्मिकों के पसीने आने लगे.
सबसे पहले वन विभाग के अधिकारियों ने लॉयन सफारी के चारों ओर फेंसिंग जांच पड़ताल की, लेकिन फेसिंग पूरी तरह से सुरक्षित दिखाई दी तो वन अधिकारियों ने माना कि शेरनी सफारी में ही है. इसके बाद वन विभाग ने सुबह से ही 9 गाड़ियों के माध्यम से 9 टीमें बनाकर तलाशना शुरू किया तो रात 9:30 बजे शेरनी का मूवमेंट दिखाई दिया. वन्यजीव चिकित्सक डॉ.अरविंद माथुर ने बताया कि रात 9:30 बजे के करीब शेरनी ने ट्रैक को दौड़कर पार किया. वहीं बड़ी घास होने से शेरी का कुछ हिस्सा दिखाई दे रहा था,कारण बारिश के चलते जंगल में घास बढने और हरियाली होने से शेरनी दिखाई नहीं दे रही थी.
वहीं, कार्यवाहक एसीएफ रघुवीर मीणा ने बताया कि कई बार शेरनी 2-2 दिन तक शेरनी पिंजरे में नहीं आती थी, कई बार अपने आप ही पिंजरे आ जाती थी, लेकिन इस बार तीसरे दिन भी कोई मूवमेंट नहीं होने शंका बढ़ गई थी. शेरनी को जंगल सफारी में मूवमेंट के लिए पटाखे भी छोड़े गए ताकि जगह छोड़कर शेरनी की हलचल हो सके, लेकिन पटाखे छोड़ने के बाद भी कोई हलचल नहीं होने से और शंका बढ़ गई. लगातार सर्च ऑपरेशन के बाद रात 9:30 बजे शेरनी का मूवमेंट देखा गया, इसके बाद राहत की सांस ली गई,
इसके बाद भी शेरनी के मूवमेंट पर नजर रखी गई ओर शेरनी को पिंजरे तक लाने के प्रयास किए गए तो शेरनी पिंजरे तक तो पहुंची लेकिन पिंजरे में नहीं गई. फिर से जंगल की ओर निकल गई. तीन दिन के अंतराल में शेरनी ने दो मोरों के शिकार करने के साक्ष्य वनकर्मियों को मिले. इन सब बातों से वन विभाग ने बता तो दिया, लेकिन वन विभग शेरनी सृष्टि के जंगल सफारी में होने के फोटो या वीडियो जारी नहीं करना सवाल उठा रहा है.
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