अजमेर मंडल के पालनपुर-मदार रेलखंड पर आरडीएसओ (अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन) और रेलवे की टीम ने 24.06.2022 और 25.06.2022 को 130 किमी प्रति घंटा पर सीओसीआर (कन्फर्मेटरी ऑसिलोग्राफ कार रन) का सफल परीक्षण किया है.
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Jaipur: उत्तर पश्चिम रेलवे ने सुगम, संरक्षित और तीव्र रेल संचालन की दिशा में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है. अजमेर मंडल के पालनपुर-मदार रेलखंड पर आरडीएसओ (अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन) और रेलवे की टीम ने 24.06.2022 और 25.06.2022 को 130 किमी प्रति घंटा पर सीओसीआर (कन्फर्मेटरी ऑसिलोग्राफ कार रन) का सफल परीक्षण किया है.
उत्तर पश्चिम रेलवे के CPRO कैप्टन शशि किरण के अनुसार उत्तर पश्चिम रेलवे महाप्रबंधक विजय शर्मा के नेतृत्व में आधारभूत ढांचे को मजबूत बनाने के साथ-साथ तीव्र, संरक्षित और सुगम रेल परिवहन पर विशेष बल दिया जा रहा है. संरक्षित और तीव्र रेल संचालन की ओर किए जा रहे प्रयासों के तहत 25 जून को अजमेर मंडल के पालनपुर-मदार रेलखंड पर हाई रीच ओएचई (High Reach OHE) रेलखंड में भारतीय रेलवे पर पहली बार इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव से आरडीएसओ (अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन) और रेलवे की टीम ने 130 किमी प्रति घंटे पर सीओसीआर (कन्फर्मेटरी ऑसिलोग्राफ कार रन) का सफल परीक्षण किया है.
24 डिब्बों वाली स्पेशल ट्रेन परीक्षण में मदार-पालनपुर रेलखंड की 366 किलोमीटर दूरी 03 घंटे 23 मिनट में पूरी की गई और इस गाड़ी की औसत गति 107.65 किमी प्रति घंटा रही. इस दौरान अधिकतम गति 135 किलोमीटर प्रति घंटा तक दर्ज की गई. परीक्षण के दौरान ट्रैक मापदंडों के अलावा सिगनलिंग, कर्षण वितरण उपकरण, लोकोमोटिव और कोच फिटनेस जैसे अन्य कई पहलुओं की भी जांच की गई और रिकॉर्ड किया गया.
इस परीक्षण की आरडीएसओ की टीम विश्लेषण करेगी और स्वीकृति मिलने पर इस खंड पर तीव्र गति से ट्रेनों का संचालन हो सकेगा. भारतीय रेलवे ने बीते कुछ वर्षों में बुनियादी ढांचे के विकास, नवाचार, रेल नेटवर्क का विस्तार, माल ढुलाई के क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि हासिल की है. रेलवे द्वारा यात्रियों को तेज और सुरक्षित यात्रा कराने हेतु लगातार नए प्रयोग और प्रयास किए जा रहे है, जिनसे आने वाले समय में यात्री लाभान्वित होगे.
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