मुख्य सचिव उषा शर्मा ने कहा कि राज्य की सभी औद्योगिक इकाइयों के संचालन एवं निवेश में आने वाली कठिनाईयों के शीघ्र निस्तारण के लिए विवाद एवं शिकायत निवारण तंत्र विकसित किया गया है.
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Jaipur: मुख्य सचिव उषा शर्मा ने कहा कि राज्य की सभी औद्योगिक इकाइयों के संचालन एवं निवेश में आने वाली कठिनाईयों के शीघ्र निस्तारण के लिए विवाद एवं शिकायत निवारण तंत्र विकसित किया गया है. ऐसे में इस समिति के सभी सुझावों पर प्राथमिकता से अमल किया जाएगा.
शर्मा बुधवार को यहां शासन सचिवालय में उद्योग विभाग के विवाद एवं शिकायत निवारण तंत्र के अर्न्तगत गठित राज्य स्तरीय समिति की बैठक को संबोधित कर रही थी. उन्होंने कहा कि मिनरल पाउडरों उद्योगों को ट्रांजिट पास के बिना परिवहन की अनुमति देने की प्रकिया पर शीघ्र कार्रवाई की जाए. साथ ही विभागीय बजट घोषणाओं की समयाबद्व क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए.
बैठक में पापड़ उद्योग को सफेद श्रेणी में वर्गीकृत करने, रीको उप कार्यालय, किशनगढ़ को स्वतन्त्र कार्यालय में क्रमोन्नत करने, लवण भूखंड़ों के लीज नवीनीकरण की समयावधि बढ़ाने और राज्य में भू-जल प्राधिकरण बनाने तथा ग्रामीण क्षेत्रों में फायर एनओसी की वार्षिक दरों को पूर्व की भांति करने सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई.
बैठक में उद्योग विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव वीनू गुप्ता ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए। बैठक में मुख्य सचिव ने उद्योग संघों के प्रतिनिधियों के मुद्दों को भी सुना और अधिकारियों को उन मुद्दों के त्वरित निस्तारण के निर्देश दिए. इस अवसर पर उद्योग के आयुक्त महेन्द्र कुमार पारख तथा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रीको, राजस्व, स्थानीय निकाय, ऊर्जा, खनन तथा उद्योग संघों के प्रतिनिधि मौजूद रहे.
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