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जयपुर: प्रदेश में प्राइवेट नर्सिंग कॉलेज चलाने वाले संचालक परेशान हैं और इन्होंने अपनी परेशानी दूर करने के लिए सरकार से गुहार लगाई है. दरअसल, इस परेशानी का कारण चिकित्सा विभाग का वह आदेश है, जिसके मुताबिक नर्सिंग कॉलेज में स्टूडेन्ट्स के एडमिशन के लिए कॉलेजों को दी गई 50 फीसदी सीट्स की सीमा खत्म करने की बात कही गई है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद नर्सिंग कॉलेज में सीटों पर एडमिशन के लिए विशेष व्यव्सथा की गई थी. जिसके तहत पचास फीसदी सीटों पर काउन्सलिंग सरकार करती है, जबकि आधी सीट पर काउन्सलिंग की ज़िम्मेदारी प्राइवेट नर्सिंग कॉलेज के फेडरेशन के पास थी. अब प्रदेश में बनी प्राइवेट नर्सिंग कॉलेज की दोनों फैडरेशन ने एक मंच पर आकर सरकार से गुहार लगाई है.
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दोनों ही फैडरेशन का कहना है कि सरकार अपने हिस्से की पचास फ़ीसदी सीटों की काउन्सलिंग सही समय पर नहीं कर पाती और इसके चलते विद्यार्थियों का सत्र देरी से चल रहा है. चिकित्सा विभाग के आदेश को गलत बताते हुए इन लोगों ने नये सर्कुलर को वापस लेने के साथ ही राज्य सरकार की बिना मान्यता चल रहे कॉलेजों के खिलाफ़ कार्रवाई करने की मांग भी की है.
चिकित्सा मंत्री और सीएम के सामने रखेंगे अपनी बात
उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारियों के साथ ही वे चिकित्सा मंत्री और मुख्यमंत्री से भी अपनी बात रखेंगे. प्राइवेट फिजियोथैरेपी नर्सिंग एण्ड पैरामेडिकल इन्स्टीट्यूशन्स सोसाइटी के सचिव दिलीप तिवारी ने कहा कि अगर उन्हें राहत नहीं मिली तो मजबूरन भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होकर राहुल गांधी से अपनी पीड़ा दूर करने का आग्रह करना होगा.