राजस्व मंत्री रामलाल जाट और पटवारियों ने एक-दूसरे पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप, पढ़ें पूरी डिटेल
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राजस्व मंत्री रामलाल जाट और पटवारियों ने एक-दूसरे पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप, पढ़ें पूरी डिटेल

Jaipur News: छह सूत्रीय लंबित मांगों को लेकर लिखित समझौते की पालना नहीं होने से नाराज राजस्वकर्मियों ने राजस्व मंत्री रामलाल जाट के आवास का घेराव के समय टकराव देखने को मिला. जयपुर में राजस्व मंत्री रामलाल जाट और पटवारियों ने एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए.

राजस्व मंत्री रामलाल जाट और पटवारियों ने एक-दूसरे पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप, पढ़ें पूरी डिटेल

Jaipur News: छह सूत्रीय लंबित मांगों को लेकर लिखित समझौते की पालना नहीं होने से नाराज राजस्वकर्मियों ने राजस्व मंत्री रामलाल जाट के आवास का घेराव के समय टकराव देखने को मिला. जयपुर में राजस्व मंत्री रामलाल जाट और पटवारियों ने एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए. अपनी 6 सूत्री मांगो को लेकर मंत्री के आवास का घेराव करने पहुंचे पटवारियों ने मंत्री के सामने ट्रांसफर-पोस्टिंग में हजारों-लाखों रुपए लेने और भ्रष्टाचार करने के आरोप लगाए. जवाब में मंत्री ने अपने भाषण में पटवारियों को सबसे ज्यादा भ्रष्ट बताते हुए एसीबी में सबसे ज्यादा इन्हीं के पकड़े जाने की बात कही.

जानें आरोप- प्रत्यारोप में क्या कहा

सड़क पर राजस्व मंत्री के आवास के सामने सुनाई दी भ्रष्टाचार की गूंज

राजस्व मंत्री और राजस्वकर्मियों ने एक-दूसरे के सामने लगाए भ्रष्टाचार के आरोप

राजस्व मंत्री रामलाल जाट के सामने पटवार मंडल प्रदेशाध्यक्ष कवियां बोले

पहले ट्रांसफर कर देते हैं उसके बाद ट्रांसफर में 50 हजार से 1लाख लेते हैं

राजस्व मंत्री की खरी-खरी बोले-एसीबी में सबसे ज्यादा आप लोग पकड़े जाते हो

आपके कारण राज्य सरकार की बदनामी होती है, माथा सरकार के सिर फूटता है

सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार के मामले में पटवारी और पुलिसवाले पकड़े जाते

विरासत और रजिस्ट्री से जुड़े 80 फीसदी से ज्यादा नामांतरण में लगता है समय

30 दिन का काम में आप लोग 2-3 माह से भी ज्यादा समय तक अटकाए रखते हो

जिसके कारण आप लोग आए दिन एंटी करप्शन की पकड़ में आते

बाप बड़ा न भैया सबसे बड़ा रूपया लगता है. शायद राजस्व विभाग में ट्रांसफर से लेकर राजस्व से जुडे़ काम करवाने के लिए इसी तर्ज पर काम हो रहे है, क्योंकि आज जिस तरह की भ्रष्टाचार की गूंज राजधानी जयपुर की सड़क पर मंत्री और राजस्वकर्मियों के बीच चले शब्दवाणों में सुनाई दी उससे ऐसा ही लगता हैं.

रामलाल जाट और पटवारियों ने एक-दूसरे पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप

राजस्थान राजस्व सेवा परिषद के बैनर तले अपनी छह सूत्रीय मांगों को लेकर विधायकपुरी थाने के पास राजस्व मंत्री पहुंचे पटवार संघ के प्रदेशाध्यक्ष नरेन्द्र कविया ने रामलाल जाट के सामने ट्रांसफर-पोस्टिंग में हजारों-लाखों रुपए लेने और भ्रष्टाचार करने के आरोप लगाए. मामला यहीं नहीं रूका इसके उलट राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने अपने भाषण में खरी-खरी सुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी.

उन्होंने कहा की अब तक ये बातें कमरो में हुआ करती थी लेकिन आज खुलम-खुल्ला हो रही हैं. उन्होंने कहा की अभी आपके बीच आने से पहले टीवी पर देखकर आया हूं एक पटवारी रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया हैं. आज प्रदेश में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार के मामले में पटवारी और पुलिसवाले पकड़े जाते है.

विरासत और रजिस्ट्री से जुड़े 80 फीसदी से ज्यादा नामांतरण आप लोग 2-3 माह से भी ज्यादा समय तक अटकाए रखते हो. जबकि 30 दिन में भीतर पटवारी, गिरदारवर और तहसीलदार को म्यूटेशन खोलना होता हैं, लेकिन ऐसा नहीं होता हैं. जिसके कारण आप लोग आए दिन एंटी करप्शन की पकड़ में आते है. आपके साथ-साथ सरकार की बदनामी भी होती है.

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आए दिन एंटी करप्शन में पकडे़ जाने की खबरे आती हैं. मेरी आपसे मांग है कि आप विरासत के खाते 30 दिन के अंदर-अंदर खोल दो. कोई करप्शन की शिकायत नहीं आएगी. मुझे भी शर्म आती है जब भ्रष्टाचार के मामले में आए दिन शिकायतें अखबारों में आती है. मेरा जबकि कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा की पहले शिक्षा के साथ संस्कार भी थे लेकिन अब संस्कार भूल गए हैं और शिक्षा बढ़ गई है. कर्मचारियों से लेकर नेताओं की नई पौध जो आ रही हैं उसमें संस्कार बहुत जरूरी हैं.

ये है प्रमुख मांगे

- सीनियर पटवारी के पद को विलोपित करने।
- नायब तहसीलदार के पद 100 फीसदी प्रमोशन के जरिए भरने।
- पटवारियों के ग्रेड-पे को बढ़ाने, पटवारी, गिरदावर, नायब तहसीलदार और तहसीलदारों के कैडर का रिव्यू करके नए पद सृजित करने।
- पटवारियों का ग्रेड-पे बढ़ाकर एल-6 करने।
- पटवारियों के लिए स्थानान्तरण नियम 9 (B) को जो नवंबर 2020 में विलोपित किया था उसे वापस बहाल करने।

आपको बता दें कि राजस्थान राजस्व सेवा परिषद के बैनरतले बड़ी संख्या में पहुंचे राजस्व सेवा के कर्मचारियों (पटवारी, नायब तहसीलदार, गिरदावरों) ने आज जयपुर के सिविल लाइन्स स्थित मंत्री के आवास के बाहर घेराव कर धरना दिया. प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने मंत्री को ज्ञापन देने के लिए घर से बाहर बुलाया. यहां मंत्री के पहुंचने पर माइक पर ही प्रदर्शनकारियों के पदाधिकारियों ने अपनी बात भाषण के जरिए रखी. इसके बाद मंत्री ने भी उसी माइक के जरिए प्रदर्शनकारियों को भाषण देकर आपना जवाब दिया. पटवार संघ के प्रदेशाध्यक्ष नरेन्द्र कविया ने राजस्व मंत्री के सामने ट्रांसफर में हो रहे भ्रष्टाचार के बारे में खुलकर कहा.

मंत्री के आवास के बाहर घेराव कर दिया धरना 

कविया ने कहा कि हमारे कई साथी ऐसे है जिनका पहले तो ट्रांसफर पूर्वी राजस्थान के भरतपुर, धौलपुर समेत दूर-दराज के एरिया में कर दिया. अब दोबारा वे ट्रांसफर के लिए कहते है तो 50-50 हजार रुपए, एक लाख रुपए मांगे जाते है. ट्रांसफर में इतना भ्रष्टाचार हो रहा है. आपको बता दें कि एक जिले से दूसरे जिले में पटवारियों का ट्रांसफर मंत्री की अनुशंसा और अनुमति पर किए जाते है. रेवेन्यू मंत्री ने राजस्वकर्मियों की बात सुनने के बाद उन्हें खरी-खरी सुनाई.

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गौरतलब है कि जनता के कार्यों में गड़बड़ी व मिलीभगत को लेकर तहसीलदारों व नायब तहसीलदारों के खिलाफ राजस्व विभाग, रेवेन्यू बोर्ड व जिला प्रशासनों को पिछले एक साल में 1450 शिकायतें मिली हैं. पांच साल में 22 तहसीलदारों व नायब के अलावा 188 पटवारी घूस लेते रंगेहाथ पकड़े गए हैं. प्रदेश के 1793 तहसीलदारों व नायब में से हर पांचवां जांच के दायरे में है. रेवेन्यू विभाग के 34 अफसर-कार्मिक तो ऐसे हैं. जिनके खिलाफ विभागाध्यक्षों ने अभियोजन स्वीकृति ही नहीं दी. जबकि ये रंगेहाथ पकड़े गए थे. इनमें से 20 मामलों में जांच अधिकारी सबूत तक दे चुके हैं.

बहरहाल, क्या सरकार जीरो टॉलरेंस पर जितना जोर दे रही है, प्रदेश में भ्रष्टाचार उतना जोर पकड़ता जा रहा है. अगर मंत्री और राजस्वकर्मियों के बयानों से मायने निकाले तो यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी की राजस्थान में भ्रष्टाचार अब शिष्टाचार बन गया. क्या राजस्थान में भ्रष्टाचार की अमरबेल पनप रही हैं. क्या बिना पैसे रेवन्यू से जुड़ी फाइल आगे टेबल पर मूव नहीं होती. क्या बिना पैसे साफ्टवेयर में म्यूटेशन दर्ज नहीं होता. या रिश्वत का खुला खेल खेला जा रहा है.

 

 

 

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