जयपुर में परम्परा और रीति-रिवाजों के साथ बूढ़ी तीज माता की शाही सवारी, 130 से अधिक लोक कलाकारों की प्रस्तुतियां
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जयपुर में परम्परा और रीति-रिवाजों के साथ बूढ़ी तीज माता की शाही सवारी, 130 से अधिक लोक कलाकारों की प्रस्तुतियां

Jaipur news: जयपुर शहर में परम्परा और रीति-रिवाजों के साथ बूढ़ी तीज माता की सवारी निकाली जाएगी.बूढ़ी तीज माता की सवारी के देखने के लिए जयपुर शहर में काफी उत्साह देखा जाता है.

जयपुर में परम्परा और रीति-रिवाजों के साथ बूढ़ी तीज माता की शाही सवारी, 130 से अधिक लोक कलाकारों की प्रस्तुतियां

Jaipur news: जयपुर शहर में परम्परा और रीति-रिवाजों के साथ बूढ़ी तीज माता की सवारी निकाली जाएगी.बूढ़ी तीज माता की सवारी के देखने के लिए जयपुर शहर में काफी उत्साह देखा जाता है. देशी-विदेशी पर्यटक भी इस शाही लवाजमे में बूढ़ी तीज माता की सवारी देख अभिभूत नजर आते है. त्रिपोलिया गेट से बूढ़ी तीज माता की सवारी नगर भ्रमण के लिए निकलेगी तो आस्था और उमंग का सैलाब भी देखा जाता है. 

जैसे ही बूढ़ी तीज माता की सवारी त्रिपोलिया गेट से निकलेगी तो त्रिपोलिया के झरोखों से सवारी पर गुलाब की पंखुडियां की वर्षा की जाएगी.पर्यटन विभाग के उपनिदेशक उपेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि देशी-विदेशी मेहमानों के लिए हिंद होटल की छत पर बैठने की व्यवस्थ की जाती है.वहीं पर्यटन विभाग की ओर से पर्यटकों के लिए तीज पर बनने वाली विशेष व्यंजन घेवर खिलाकर मुहं मीठा करवाया जाता है. पर्यटन विभाग की ओर से प्रदेशभर के 130 से अधिक लोक कलाकारों बूढ़ी तीज की शाही सवारी में प्रस्तुतियां देंगे.जयपुर के पूर्व राजघराने की महिलाओं द्वारा जनानी ड्योढ़ी में तीज माता की पूजा-अर्चना की जाएगी. साथ ही लोकगीत के बीच माता की पालकी को रवाना किया जाएगा. 

पूर्व राजघराने के सदस्य पद्मनाभ सिंह द्वारा त्रिपोलिया गेट पर तीज माता को विधिवत भोग अर्पित किया जाएगा. इसके बाद बूढ़ी तीज माता की सवारी त्रिपोलिया गेट से होकर छोटी चौपड़, चौगान स्टेडियम होते हुए तालकटोरा पहुंचकर विसर्जित की जाएगी. शाही लवाजमे के साथ बस्सी के कलाकारों द्वारा कच्ची घोड़ी नृत्य, बालोतरा के कलाकार आंगी गैर नृत्य, जयपुर के कलाकार कालबेलिया, डीग के कलाकार मयूर नृत्य, बीकानेर के कलाकारों द्वारा मश्क वादन, शाहपुरा के कलाकारों द्वारा बहरूपिया कला का प्रदर्शन किया जाएगा. ठेठ राजस्थानी परम्परागत पोशाक और राजस्थानी दाढ़ी में ऊंट पर सवार बीकानेर के रौबीलों द्वारा मुंह में तलवार लिए हर हर महादेव की जयघोष के साथ अपने शौर्य का प्रदर्शन करेंगे.

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