प्रशासन शहरों के संग अभियान का तीसरा चरण शुरू, लगेंगे वार्ड वार शिविर, हुई लापरवाही तो खैर नहीं
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प्रशासन शहरों के संग अभियान का तीसरा चरण शुरू, लगेंगे वार्ड वार शिविर, हुई लापरवाही तो खैर नहीं

प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत पट्टा वितरण का तीसरा चरण आज से शुरू हुआ. राज्य सरकार ने अधिकारियों को पट्टा वितरण का नया लक्ष्य दिया है. 

प्रशासन शहरों के संग अभियान का तीसरा चरण शुरू, लगेंगे  वार्ड वार शिविर, हुई लापरवाही तो खैर नहीं

Jaipur: प्रदेश में प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत पट्टा वितरण का तीसरा चरण आज से शुरू हुआ. राज्य सरकार ने अधिकारियों को पट्टा वितरण का नया लक्ष्य दिया है. वहीं अब वार्ड वार शिविर लगाने के निर्देश दिए गए हैं. इनमें मौके पर ही सभी तरह की प्रशासनिक प्रक्रिया पूरी करते हुए पट्टों का वितरण किया जाएगा.

इससे पहले गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पट्टे या जनता का काम अटकाने को लेकर अफसरों को खरी-खोटी सुनाई. प्रदेश में 2 अक्टूबर 2021 से प्रशासन शहरों के संग अभियान शुरू किया गया है. 

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10 महीने में अभियान के दो चरण पूरे हो चुके हैं. गहलोत सरकार शुक्रवार से तीसरा चरण शुरू कर रही है. राज्य में अभियान शुरू करने के समय 10 लाख पट्टे जारी करने का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें निकाय अभी करीब लक्ष्य से 65% दूर है. राज्य सरकार ने अधिकारियों कर्मचारियों को पट्टे वितरण के लिए नए संशोधित लक्ष्य दिए हैं. 

पट्टा वितरण राज्य सरकार की महत्वकांक्षी योजना है. ऐसे में नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल और खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समय-समय पर अभियान की समीक्षा कर रहे हैं. गुरुवार को भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रशासन शहरों के संग अभियान को लेकर समीक्षा की और उन्होंने प्रत्यय अधिक आने पर नाराजगी जताई और इस काम में लापरवाही और मनमानी बरतने वाले कर्मचारी अधिकारियों को सस्पेंड करने के भी चेतावनी दी. 

मुख्य बिंदु

  • प्रशासन शहरों के संग अभियान में राज्य सरकार ने 10 लाख पट्टे जारी करने का लक्ष्य रखा है.

  • अब तक तीन लाख 54 हजार पट्टे ही जारी किए गए हैं.

  • प्रशासन शहरों के संग अभियान शिविर में औसतन 4000 प्रतिदिन जारी किए गए.

  • अब अधिकारियों को संशोधित लक्ष्य देते हुए हर रोज 10000 पट्टे जारी करने के लिए कहा हैपहली बार पट्टों की दरों में करीब 85% तक की छूट दी गई है.

  • पहली बार वार्ड वार शिविर लगाए जा रहे हैं, इन शिविरों की मॉनिटरिंग के लिए आला अफसर तैनात किए गए हैं.

  • अधिकारियों कर्मचारियों से कहा कि वो भूखंड धारियों को पट्टे मिलने से फायदा और नहीं मिलने से होने वाले नुकसान के बारे में बताएं.

  • कलेक्टर सप्ताह में कम से कम एक बार शिविर का निरीक्षण करेंगे और संभागीय आयुक्त मॉनिटरिंग करेंगे.

  • कर्मचारी पट्टे से वंचित परिवारों का घर-घर जाकर सर्वे करेंगे मतदाता सूची के आधार पर पट्टा मिलने से वंचित परिवारों का सर्वे किया जाएगा.

  • सभी शहरों की गैर कृषि आबादी भूमि पर 501 रुपये में पट्टा दिया जाएगा.

  • कृषि भूमि भूखंडों के रूपांतरण की दरों में छूट दी गई है, अब पट्टों की दरों में 75% की छूट दी जा रही है.

  • सरकार अभियान में इसी प्रकार की कोताही नहीं बरतने देना चाहती है.

  • ऐसे में अभियान से संबंधित शिकायत और सुझाव के लिए प्रत्येक जिला कलेक्ट्रेट में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है. 

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