Jaisalmer News: जैसलमेर जिले के बडोड़ा गांव में श्री क्षत्रिय युवक संघ द्वारा बालिका प्रशिक्षण शिविर लगाया गया
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Jaisalmer News: जैसलमेर जिले के बडोड़ा गांव में श्री क्षत्रिय युवक संघ द्वारा बालिका प्रशिक्षण शिविर लगाया गया

Jaisalmer News: क्षत्राणीया समाज का आभूषण है जिसने प्रत्येक क्षेत्र में अपनी अपनी सीमाओं को छुआ है चाहे वह युद्ध कौशल हो. कर्तव्य व भक्ति का मार्ग हो या कुशल रणनीति हो हरेक में वह पारंगत रही हैं सदियों से प्रेरणा की राह रही हैं. 

Jaisalmer News: जैसलमेर जिले के बडोड़ा गांव में श्री क्षत्रिय युवक संघ द्वारा बालिका प्रशिक्षण शिविर लगाया गया
Jaisalmer News: जैसलमेर जिले के बडोड़ा गांव में श्री क्षत्रिय युवक संघ द्वारा आयोजित बालिका प्रशिक्षण शिविर के आयोजन किया जा रहा है. इस शिविर के दौरान संचालिका रश्मि कंवर देलदरी जालौर ने दिया. उन्होंने कहा कि हमारे देश में विदेशी आक्रांतों द्वारा जब-जब संस्कृति और परंपरा पर हमले हुए हैं. तब हमारे वीरों के साथ वीरांगनाओ ने मुंह तोड़ जवाब दिए हैं और हमारे देश को गौरवान्वित किया है.
 
परंतु वर्तमान हालात आप सभी के सामने हैं. आज पाश्चात्य संस्कृति की अंधी दौड़ में हम रास्ता भूल गए और पथ विचलित होते जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि आज हमें कर्तव्य और मर्यादा की शिक्षा देने वाला कोई नहीं रहा. तब श्री क्षत्रिय युवक संघ हमारी उज्जवल थाती को हमारे सामने प्रस्तुत कर रहा है और बता रहा है कि हमारा मार्ग कौनसा है और हम जा कहा रहे हैं.
 
उन्होंने कहा कि इन तीन दिनों में आपको हर विषय पर जानकारी दी जाएगी अनेकों कार्यक्रमों द्वारा विभिन्न गतिविधियां संचालित होगी आवश्यकता है हम उन्हें ग्रहण करें. संचालिका रश्मि कंवर ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि आज का वातावरण दूषित हो रहा है और इस दुष्प्रभाव का हमारे जीवन के ऊपर भी असर पड़ेगा इसलिए आवश्यकता है संभलने की.
 
हम अनेकों की प्रेरक रही हैं अन्य लोग भी हमारे जीवन से प्रेरणा लेते हैं और हमारी संस्कृति और सभ्यता अनूठी है और निराली जो सदियों से चलती आ रही है. इसको निभाने की जिम्मेदारी भी हमारी है उसके साथ जो कुरीतियां है. उन्हें मिटाना होगा, उन्होंने कहा कि हमारा पारिवारिक रहन-सहन सभ्य रहे और वर्तमान समय में भी हम कहीं पीछे नहीं रहे अपना अध्ययन जारी रखें और अपने भविष्य पर ध्यान दें. आज की मेहनत और परिश्रम हमारे कल का इतिहास होगा. हम मातृशक्ति के रूप में जानी जाती हैं तो वैसा जीवन भी हमारा होना चाहिए तभी हम अनेकों की प्रेरक रहेगी. इस शिविर में जैसलमेर जिले की लगभग 380 बालिकाएं प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए आई हुई है.

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