परबतसर के किनसरिया कैवाय माता के दर्शन को MP, UP और गुजरात से पहुंच रहे श्रद्धालु
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परबतसर के किनसरिया कैवाय माता के दर्शन को MP, UP और गुजरात से पहुंच रहे श्रद्धालु

Nagaur News: आज नवरात्र का छठा दिन है और आज भी नागौर जिले के परबतसर तहसील के ग्राम किनसरिया के चमत्कारी कैवाय माता मंदिर मे भक्तों का हुजूम देखने को मिला. आपको बतादे कि परबतसर तहसील के किनसरिया मे हजारों फीट उंची पहाड़ी पर करीब ढाई किलोमीटर दूरी तक बनी 1100 से ज्यादा सीढीया चढकर भक्त माता के दर्शनो के लिए पहुंचते है.

 

परबतसर के किनसरिया कैवाय माता के दर्शन को MP, UP और गुजरात से पहुंच रहे श्रद्धालु

Nagaur, Parbatsar: आज नवरात्र का छठा दिन है और आज भी नागौर जिले के परबतसर तहसील के ग्राम किनसरिया के चमत्कारी कैवाय माता मंदिर मे भक्तों का हुजूम देखने को मिला. आपको बतादे कि परबतसर तहसील के किनसरिया मे हजारों फीट उंची पहाड़ी पर करीब ढाई किलोमीटर दूरी तक बनी 1100 से ज्यादा सीढीया चढकर भक्त माता के दर्शनो के लिए पहुंचते है. 

ऊंची चोटी पर स्थित केवाय माता का मंदिर युगों-युगों से भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते रहा है. जो भी भक्त ह्दय से माता के दर्शन की आकांशा रखता है, उसे मां पहाड़ी पर चढने का संबल प्रदान कर दर्शन देती है. मंदिर मे बरसो से पूजा कर रहे पूजारी गिरधारी महाराज के मुताबिक इस स्थान पर चौहान वंश के शासकों ने यहां कैवाय माता की प्रतिमा स्थापित की. 

बाद में दहिया वंश के राणा चच्चदेव दहिया ने सन 999 में यहां भव्य मंदिर बनाया था. 1712 ई. में जोधपुर के महाराजा अजीतसिंह द्धारा मां भवानी की मूर्ति प्रतिष्ठापित की गई, जो कैवाय माता के वाम पाश्व्र में अवस्थित है. 

माता के मंदिर मे बुजूर्ग श्रृद्धालुओं को पहुंचाने के लिए विशेष इंतेजाम भी मौजूद है वंही जल्द ही मंदिर प्रशासन की और से इलेक्ट्रोनिक तकनीक से लैस ट्रोली सुविधा भी शुरू की जा रही है जिससे भक्तो के माता के मंदिर तक पहुंचने मे कोई परेशानी ना आऐ. 

किनसरिया के आस-पास बसे गांवों के लोग और केवाय माता को अपनी कुलदेवी के रूप में स्वीकार करने वाले विशेष मांगलिक अवसरों एवं उत्सवों में शक्ति और भक्ति की देवी केवाय माता की पूजा-अर्चना के प्रतिफलस्वरूप प्रसाद और भेंट चढाते है. यहां भक्त मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात से अपनी मन्नत मांगने आते हैं मन्नत पूरी होने पर पहाड़ी के नीचे केलपूज्य माता के भी दर्शन कर प्रसादी करते हैं.

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