डॉक्टर सैनी ने कहा कि दुनिया भर में हर साल लगभग 80 लाख लोग तंबाकू के सेवन से होने वाले रोगों की वजह से मौत के मुंह में चले जाते हैं. विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य तंबाकू के खतरों और स्वास्थ्य पर इसके नकारात्मक प्रभावों के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना है.
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Kheenvsar: नागौर जिले के खींवसर उपखंड मुख्यालय के राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मंगलवार को तंबाकू निषेध दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया. सीएचसी प्रभारी डॉ. जुगल किशोर सैनी ने बताया कि विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर तंबाकू के सेवन छोड़ने की शपथ दिलाई गई. इस आयोजन को सफल बनाने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग पूरी कार्ययोजना के साथ काम कर रहा है.
डॉक्टर सैनी ने कहा कि दुनिया भर में हर साल लगभग 80 लाख लोग तंबाकू के सेवन से होने वाले रोगों की वजह से मौत के मुंह में चले जाते हैं. विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य तंबाकू के खतरों और स्वास्थ्य पर इसके नकारात्मक प्रभावों के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना है. डब्ल्यूएचओ के सदस्य देश में 1987 में 21 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाने के लिए सहमत हुए तब से इस दिन को हर साल एक टेलीविजन टीम के साथ मनाया जाता है.
हो सकता है फेफड़ों का कैंसर
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, पर्यावरण पर तंबाकू उद्योग का हानिकारक प्रभाव भी पड़ता है और हमारे ग्रह के पहले से ही दुर्लभ संसाधनों और नाजुक परिस्थिति तंत्र पर अनावश्यक दबाव डालता है. इस दौरान डॉक्टर शिव प्रकाश परतानी ने कहा तंबाकू के सेवन से फेफड़ों का कैंसर हो सकता है, जो ज्यादातर सिगरेट पीने वाले लोगों को प्रभावित करता है. फेफड़ों के कैंसर से लगभग 80 से 90% लोगों के मरने का बड़ा कारण रहा है.
डॉक्टर रामजीत टाक ने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य तंबाकू के उपयोग को नियंत्रित करना तथा इसकी वजह से होने वाली मृत्यु दर में कमी लाना है और तंबाकू नियंत्रण कानून और तंबाकू के उपयोग द्वारा होने वाले हानिकारक प्रभावों के बारे में अधिक से अधिक जागरूकता फैलाना है.
इस दौरान डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ सहित ग्रामीण सुरेंद्र बोराणा, जगदीश कच्छावाह मौजूद रहे. सभी ने भी जीवन में तंबाकू का सेवन नहीं करने की शपथ ली.
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रिपोर्टर - दामोदर ईनाणियां