Ajmer Dargah Sharif kadhai: अजमेर की दरगाह इन दिनों विवादों में छाई हुई है. इन सबके बीच चलिए हम आपको दरगाह में मौजूद दुनिया की सबसे बड़ी कढ़ाई के बारे में बताते हैं.
दरगाह के प्रमुख के अनुसार- 1195 में ख्वाजा गरीब नवाज अजमेर आए थे. उनका 1236 में इंतकाल हुआ था. तब इस दरगाह को बनाया गया था, जो आज तक कायम है. ये सिर्फ मुस्लिम नहीं बल्कि सभी धर्म का आस्था का केंद्र है. यहां 800 साल से राजा, रजवाड़े, महाराजा और ब्रिटिश के राजा हाजिरी लगाते रहे हैं.
अजमेर शरीफ दरगाह पर सिर्फ मुस्लिम धर्म के लोग ही चादर नहीं चढ़ाते हैं. बल्कि हर धर्म हिंदू, सिख सभी माथा टेकने पहुंचते हैं. लोग अपनी मन्नत पूरी होने पर यहां आकर चादर चढ़ाते हैं.
अजमेर शरीफ की दरगाह में दुनिया की सबसे बड़ी कढ़ाई मौजूद है. कढ़ाई का भार लगभग 4800 किलोग्राम है. आज से करीब 450 सौ पहले बादशाह अकबर के जमाने से लंगर इसी कढ़ाई के अंदर बनता आ रहा है. इस कढ़ाई में बेहद स्वादिष्ट और प्रसिद्ध जाफरानी चावल बनाए जाते हैं.
अजमेर दरगाह से जुड़े लोगों के मुताबिक यह ट्रेडिशन बादशाह अकबर के समय 440 साल से अधिक समय से फोलो किया जा रहा है. जाफरानी राइस बनाने में पानी, चावल, मैदा, ड्राई फ्रूट्स, चीनी, घी का उपयोग किया जाता है. इसके बाद इसे दर्शन करने आए श्रद्धालुओं को बांटा जाता है.
बता दें कि इन दिनों अजमेर की दरगाह विवादों में बनी हुई है. दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा किया गया है और कोर्ट में याचिका दायर की गई है. आज कोर्ट इस मामले में सुनवाई भी करने वाला है. इस याचिका के बाद से रातनीति काफी गरमा गई है.