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Rajasthan News: नसबंदी का टार्गेट पूरा करने ही होड़ में कर डाला बड़ा घोटाला, 10 बैड पर 29 महिलाओं के रजिस्ट्रेशन

Rajasthan News: खेड़ली उपजिला अस्पताल में एक एनजीओ द्वारा आयोजित नसबंदी शिविर में गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं. अस्पताल प्रशासन द्वारा आवंटित बार्ड के अलावा, एनजीओ ने टार्गेट पूरा करने के लिए मनमानी की. आपरेशन के बाद, महिलाओं को जर्नल बार्ड में लिटा दिया गया, जो स्वास्थ्य सेवाओं में गंभीर लापरवाही को दर्शाता है. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि मात्र 10 बैड पर 29 महिलाओं के रजिस्ट्रेशन कर दिए गए, जो स्वास्थ्य सेवाओं में अनियमितता और लापरवाही का स्पष्ट उदाहरण है.

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लिटा दी आपरेशन के बाद जर्नल बार्ड में महिलाएं. आम मरीजों और परीजनो की परेशानी कों किया नज़र अंदाज़. स्थानीय नर्सिंग स्टाफ द्वारा जर्नल बार्ड उपयोग में नहीं लेने की हिदायत के बाद भी की मनमानी. जबकि खेड़ली उपजिला अस्पताल में केवल महिला बार्ड में है 16 बैड. महिला नसबंदी शिविर में भारी अनियमितता आई सामने.

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एनजीओ तथा राजस्थान सरकार द्वारा लगाए जाते हैं नसबंदी शिविर. नियमों को पुरी तरह ताक में रख दिया एनजीओ ने. मात्र 10 बैड पर ही कर दिए 29 महिलाओं के रजिस्ट्रेशन. अव्यवस्थाओं कों लेकर नाराज़ तथा दुखी दिखाई दिए परिजन. आपरेशन के बाद अर्द्ध बेहोशी की हालत में पैदल परिजन ले जाते दिखाई दिए. एनजीओ को मानवता तथा संवेदनशीलता से नहीं दिखाई दिया सरोकार.

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केवल नसबंदी अधिक से अधिक करने का टारगेट पूरा करने की भी आवश्यकता. मिडिया के सवालों से बचते नज़र आएं एनजीओ के अधिकारी. स्थानीय चिकित्सालय प्रशासन को भी रखा अंधेरे में. लेकिन एनजीओ के अधिकारी कर्मचारी का नहीं पसीजा दिल. सारी मानवता को भुला दिया.

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बहुत से परिजन साथ लाएं थें अपने छोटे छोटे मासूम बच्चों को. वैसे खेड़ली उपजिला अस्पताल हों चुका है घोषित. लेकिन अभी बैड तथा अन्य सुविधाएं 30 बैड के रैफरल अस्पताल की मौजूद. बड़ा सवाल जब अस्पताल में प्रर्याप्त बैड नहीं थे तों क्यों कर दिए इतने आपरेशन क्यों रखें नियम कायदे ताक पर. 

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मिडिया के सवालों पर बचते भागते नज़र आए एनजीओ कर्मचारी. आपरेशन के बाद सुरक्षित महिलाओं को छोड़ने की है जिम्मेदारी. एंबुलेंस चालकों के भरोसे छोड़कर टारगेट पूरा करके हो लिए रवाना. स्थानीय चिकित्सालय प्रभारी से भी नहीं ली जर्नल बार्ड में आपरेशन के बाद महिलाओं को लिटाने की अनुमति.मिडिया कों देखकर तथा पुछताछ पर भाग खड़े हुए एनजीओ कर्मचारी.