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Jaipur Bird Festival 2025: कानोता केम्प में जयपुर बर्ड फेस्टिवल का हुआ आगाज, नौनिहालों ने देखा परिंदों का रंगीन संसार

Jaipur Bird Festival 2025: कानोता केम्प में जयपुर बर्ड फेस्टिवल का आयोजन किया गया है. लोगों के बीच में इस फेस्टिवल का काफी क्रेज देखने को मिल रहा है.

बर्ड फेस्टिवल

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बर्ड फेस्टिवल

ग्रीन पीपल सोसाइटी द्वारा परिंदों का मेला आयोजित किया. बर्ड्स एंड वेटलैंडस कार्यशाला में परिंदों और वेटलैंड्स संरक्षण पर मंथन हुआ. राजस्थान में हो रहे बर्ड फेस्टिवल की श्रृंखला में पहली बार ग्रीन पीपल सोसाइटी उदयपुर (जयपुर चैप्टर) द्वारा आगरा रोड़ स्थित जामडोली के समीप कानोता केम्प में जयपुर बर्ड फेस्टिवल-2025 का आयोजन किया गया. इस बर्ड फेस्टिवल में 500 से ज्यादा विद्यार्थियों ने परिंदों की रंगीन दुनिया को निहारा और इसके संरक्षण विषय पर जानकारी संकलित की. इस आयोजन में देशभर से पक्षी प्रेमी और विशेषज्ञों ने पहुंच कर इस महत्वपूर्ण विषय पर परिंदों के संरक्षण पर प्रतिबद्धता जताई.

लाइफ सायकल के डेमो का भी प्रदर्शन किया गया

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लाइफ सायकल के डेमो का भी प्रदर्शन किया गया

वन विभाग, पर्यटन विभाग, जयपुर विकास प्राधिकरण, रीको तथा डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया के सहयोग से आयोजित होने वाले इस बर्ड फेस्टिवल में पक्षियों पर आधारित प्रदर्शनी, प्रतियोगिताओं, तितलियों और मॉथ की लाइफ सायकल के डेमो का भी प्रदर्शन किया गया.

पक्षियों की अटखेलियां निहारी, टेटू बनवाए

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पक्षियों की अटखेलियां निहारी, टेटू बनवाए

फेस्टिवल संयोजक रिटायर्ड आईएएस विक्रम सिंह ने बताया कि बर्ड फेस्टिवल के तहत कानोता केम्प के पार्श्व भाग में स्थित जलाशय पर बर्ड वॉचिंग की भी व्यवस्था की गई. यहां पक्षी विशेषज्ञ वीरेंद्र सिंह बेडसा, प्रदीप जोशी तथा वन विभाग के अधिकारियों ने बच्चों को बायनोकूलर व स्पॉटिंग स्कोप की मदद से पक्षी दर्शन कराया तथा पक्षियों की जानकारी भी दी. पानी में अटखेलियां करते पक्षियों को देखकर बच्चों के चेहरे खिल उठे. वहीं आयोजन स्थल पर बच्चों ने प्राकृतिक रंगों से पक्षियों के टेटू भी अपने चेहरे और हाथों पर मुद्रित कराए. विद्यार्थियों को विद्यार्थी किट, अल्पाहार, पक्षी पहचान पुस्तिका, कार्डबोर्ड नेस्ट, डीआईवाय किट व टोपी का वितरण किया गया.

परिंदों की प्रदर्शनी के प्रति दिखा उत्साह

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परिंदों की प्रदर्शनी के प्रति दिखा उत्साह

आयोजन स्थल पर पक्षियों से संबंधित फोटोग्राफी एवं पक्षियों से संबंधित डाक टिकट प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया. इस प्रदर्शनी में उदयपुर के वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर डॉ.कमलेश शर्मा के पक्षियों पर आधारित फोटोग्राफ्स व डब्ल्यू डब्ल्यूएफ की रेप्टर्स की प्रदर्शनी के साथ-साथ उदयपुर की डाक टिकट संग्रहकर्त्ता पुष्पा खमेसरा का विश्व के 354 से अधिक देशों पर जारी पक्षियों के डाक टिकट का संग्रह विशेष आकर्षण का केन्द्र रहा.

तितलियों के जीवनचक्र को लाइव देखा

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तितलियों के जीवनचक्र को लाइव देखा

प्रदेश के ख्यातनाम तितली विशेषज्ञ मुकेश पंवार ने मेले में पहुंचे विद्यार्थियों, अतिथियों,पक्षी प्रेमियों और पर्यावरण प्रेमियों को तितलियों के जीवन चक्र का लाइव डेमो दिया. डूंगरपुर जिले के सागवाड़ा कस्बे के तितली विशेषज्ञ पंवार द्वारा तितलियों व मोथ के जीवनचक्र के फोटोग्राफ्स के साथ होस्ट प्लांट पर अण्डे, लार्वा व प्यूपा का लाईव प्रदर्शन किया गया तथा तितलियों के जीवनचक्र के बारे में जानकारी दी.

स्पर्धाओं में दिखाया उत्साह

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स्पर्धाओं में दिखाया उत्साह

फेस्टिवल के तहत सीनियर और जूनियर ग्रुप में पेटिंग व क्वीज स्पर्धा भी हुई. इसमें आसपास के विद्यालयों से पहुंचे बच्चों ने उत्साह से भाग लिया. बच्चों ने कूची और रंग से पक्षियों के सुंदर संसार को ड्राईंग शीट पर उकेरा. वहीं क्वीज स्पर्धा में पक्षी और पर्यावरण से जुड़े प्रश्नों के उत्तर भी दिए.

वेटलैंडस और बर्ड्स कार्यशाला में हुआ मंथन

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वेटलैंडस और बर्ड्स कार्यशाला में हुआ मंथन

बर्ड फेस्टिवल में आयोजित कार्यशाला में गुजरात के वन्यजीव विशेषज्ञ, लेखक व रिटायर्ड आईएएस रणजीत सिंह, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के चीफ रवि सिंह, बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के असद रहमानी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक अरिजीत बनर्जी, पूर्व डीजीपी अजित सिंह आदि ने राजस्थान में वेटलैंड्स और बर्ड्स की वर्तमान स्थितियों की जानकारी देते हुए संरक्षण की आवश्यकता प्रतिपादित की. वक्ताओं ने बर्ड फेस्टिवल जैसे आयोजनों के साथ जनजागरूकता गतिविधियों को जरूरी बताया और विलुप्ति के कगार पर जा रही पक्षी प्रजातियों के संरक्षण की दिशा में हो रहे प्रयासों की तारीफ की. कार्यशाला में डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू एफ के साहित्य का विमोचन भी किया गया.