राजस्थान न केवल राजा-महाराजा की भूमि बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक एंव धार्मिक धरोहरों के लिए भी प्रसिद्ध है, यहां के सुंदर जैन मंदिर राजस्थान की आधुनिकता और ऐतिहासिक धरोहर का अद्भूत संगम हैं.
दिलवाड़ा जैन मंदिर, जो माउंट आबू पर स्थित है, विश्वभर में अपनी सुंदरता और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है, मार्बल से बने इन मंदिरों का निर्माण रंग-बिरंगे संगमरमर से बनाया गया है.
रणकपुर में स्थित यह मंदिर जैन संत आदिनाथ को समर्पित है, इस मंदिर का निर्माण मार्गा शैली ( Marga style ) में किया गया है और यह मंदिर भगवान आदिनाथ के विशाल मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है.
लूणकरांवा जैन मंदिर, जो कुम्भलगढ़ के पास स्थित है, यहां का मंदिर पर्वतीय क्षेत्र में बसा हुआ है और शिखरों से लिपटे हुए हरित बाग-बगिचों से घिरा हुआ है.
राजस्थान के कोलायत में स्थित यह मंदिर अपने पारंपरिक शैली और भगवान पार्श्वनाथ की विशाल मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है.
कुंभलगढ़ जैन मंदिर राजस्थान के एक अन्य रत्न हैं, जो शांति और साकारात्मकता की अद्भुत स्थलों के रूप में प्रसिद्ध हैं, यहां की सुंदर स्तूप और महावीर भगवान की मूर्तियां दर्शनीय हैं.
ओसियां राजस्थान के रेगिस्तानी इलाके में स्थित है और यहां के जैन मंदिर अपनी विशेष वास्तुकला और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध हैं, इन मंदिरों में विचित्र आकृतियों और नारंगी रंग की मूर्तियां हैं जो इस मंदिर का आकर्षण बढ़ाती हैं.
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